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बड़ा रकबा चट कर गए खनन माफिया , प्रशासन ने साधी चुप्पी

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फिरोजपुर झिरका
सर्वोच्च न्यायलय के आदेशों को दरकिनार कर उपमंडल के कई गांवों में इस समय गैर मुमकिन पहाड़ों में अवैध खनन का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है। जानकारी मिली है कि ये अवैध खनन राजस्थान सीमा से लगते हरियाणा के वन क्षेत्र में खुलेआम हो रहा है। ताज्जुब की बात ये है कि इसको लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों ने चुप्पी साधी हुई है। एक जानकारी के अनुसार खनन के माफिया हरियाणा की अरावली का करीब एक किलोमीटर से अधिक का हिस्सा चट कर गए है । यानी यह कहना गलत नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाकर हरियाणा के हरे भरे वन क्षेत्र को बर्बाद कर रहे खनन माफियाओं पर क्षेत्र में रहने वाले लोगों ने सही कार्रवाई की मांग करी है।

बता दें कि एक तरफ मौजूदा सरकार प्रदेश में अरावली के रकबे को बढ़ाने पर करोड़ों रुपये खर्च रही है। वहीं दूसरी तरफ फिरोजपुर झिरका खंड में खनन माफियाओं द्वारा सरकार की इस मुहिम को पलीता लगाकार हरे-भरे वन क्षेत्र को उजाडने का काम किया जा रहा है। क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि यहां के नांगल और छपरा क्रेशर जोन से सटे हरियाणा के नहारिका, घाटा शमशाबाद और रवा गांव में इस समय गैर मुमकिन यानी प्रतिबंधित क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है। पहाड़ों को नोंचने का यह कार्य यहां अभी भी बदस्तूर जारी है।

अवैध खनन की वजह से पर्यावरण संरक्षण को नुकसान पहुंच रहा है
दर्जन भर से अधिक जिले के गांव ऐसे है जो की अरावली क्षेत्र से घिरे पड़े है । अधिकतर गांवों में आज भी अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है। इस सूची के अंदर प्रमुख गांव मंहू , बडेड , तिगांव एवं बसईमेव तथा रवा , घाटा शमशाबाद और नहारिका गांव अथवा शामिल है । जानकारी के अनुसार यहां पर चोरी छीपे अधिकारियों ने मिली भगत के साथ अवैध खनन किया जाता है। मतलब यहां सीधे तौर पर प्राकृतिक वातारण को असंतुलित किया जा रहा है।

कैसे करते है अवैध खनन
दरअसल हरियाणा सीमा के नजदीक चल रहे नांगल और छपरा क्रेशर जोन से हरियाणा वन क्षेत्र का एक बड़ा रकबा यहां मौजूद है। यह रकबा इन क्रेशर जोन से सटा हुआ है। ऐसे में यहां काम कर रहे खनन माफिया हरियाणा के वन क्षेत्र में अवैध खनन कर अरावली का सीना चीर रहे है । हरियाणा सीमा में अवैध खनन होने की पुष्टि गूगल मैपिंग तथा राजस्व विभाग द्वारा की गई पैमाइश के बाद हो चुकी है। परंतु इसपर ठोस कार्रवाई नहीं हुई। वर्तमान में इन दोनों जगहों पर अवैध खनन हो रहा है। वैसे प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में है।

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