रेवाड़ी के परिवनह मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि 2025 तक पूरे प्रदेश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने का लक्ष्य रखा गया है , ताकि कोई भी शिक्षित युवक बेरोजगार नहीं रहे। शिक्षित युवक का कौशल विकास किया जा सके, जिससे वह रोजगार पाने वाले की बजाय रोजगार देने वाला बनने में सक्षम बन सके। वह आज इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर में आयोजित सात दिवसीय राष्ट्रीय एकता शिविर के समापन अवसर पर बतौर मुख्यअतिथि बोल रहे थे। इस दौरान मंत्री ने विजेता प्रतिभागियों को पारितौषिक भी वितरित किए। कुलसचिव प्रो.प्रमोद कुमार ने मुख्यअतिथि व आए सभी अतिथियों का स्वागत किया।
इस मौके पर मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि रेवाड़ी का इतिहास गौरवशाली रहा है। द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण के भाई बलराम ने रेवती से शादी की थी, जो रेवाड़ी की थी और उनके नाम से ही रेवाड़ी नामकरण हुआ है। यह वीरों की भी धरती है। निसंदेह देश की सेना में आज हर दसवां जवान हरियाणा से है , लेकिन उनमें भी ज्यादा संख्या रेवाड़ी , महेंद्रगढ़ व झज्जर जिले के जवानों की है। उन्होंने स्वंय सेवकों द्वारा लगाए गए शिविर के महत्व पर भी प्रकाश डाला और कहा कि इस प्रकार के शिविर विद्यर्थियों को परस्पर दूसरे राज्यों की संस्कृति , बोली व रीति रिवाजों को समझने और उनका आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करते है , जिससे विद्यार्थियों का संपूर्ण व्यक्तित्व विकास भी होता है।
हर प्रकार की आपदा व शांति के समय समाज सेवा के क्षेत्र में बढ़ चढ़ कर अपना योगदान देते रहे है । सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए परिवहन मंत्री ने कहा कि सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने के लिए वर्ष 2025 तक का लक्ष्य रखा है , ताकि कोई भी युवक पढ़-लिखकर न केवल बेरोजगार नहीं रहे, बल्कि उसका इतना कौशल विकास हो कि वह रोजगार पाने वाले के साथ-साथ रोजगार देने में भी सक्षम बन सके। उन्होंने विश्वविद्यालय में आने-जाने वाले विद्यार्थियों की सुविधा के लिए पर्याप्त बसें उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है ।
उन्होंने अपने कोष से 5 लाख रुपये के अनुदान की घोषणा करते हुए यह भी भरोसा दिलाया कि यूनिवर्सिटी के सरंचनात्मक ढांचे व ऑडिटोरियम के निर्माण में हर संभव सहयोग किया जाएगा। अपने अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रो.जयप्रकाश यादव ने यहां के विद्यार्थी विभिन्न गतिविधियों में आगे रहे है । बतौर विशिष्ठ अतिथि पद्मश्री डॉ. एसएस यादव ने कहा कि सभी स्वंय सेवक यहां से एक संदेश लेकर जाएं और उसे अपने जीवन में भी अपनाएं। इस मौके पर एनएसएस क्षेत्रीय निदेशालय दिल्ली के मनोज कुमार भी उपस्थित थे।
यह हुए कार्यक्रम
इस दौरान छत्तीसगढ़ की टीम की ओर से सांस्कृतिक प्रस्तुती दी गई, जिसमें वहां के पारंपरिक कर्म एंव जग्गी नृत्य का प्रदर्शन किया गया। गुजरात की टीम ने गरबा प्रस्तुत किया, जबकि यूनिवर्सिटी की आरएसएस टीम ने पर्यावरण सरंक्षण पर लिखा गया गीत व नृत्य की प्रस्तुती दी। मुख्यअतिथि ने सभी विजेता प्रतिभागियों को मेडल दिए। असम से आई टीम की ओर से चीफ गेस्ट व अन्य अतिथियों को वहां की पारंपरिक टोपी व हस्त निर्मित खिलौने भेंट किए गए। एनएसएस संयोजक डॉ. करणसिंह ने सभी का आभार जताया।