अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर पर सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) ने बड़ा झटका दिया है। SECI ने रिलायंस पावर और उसकी सहायक कंपनियों को तीन साल के लिए भविष्य की निविदाओं में बोली लगाने से रोक दिया है।
रिलायंस पावर की सहायक कंपनी रिलायंस एनयू बीईएसएस लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत बोली में विसंगतियों के कारण यह फैसला लिया गया है। मामले की जांच में पता चला कि रिलायंस पावर की सहायक कंपनी ने भारतीय स्टेट बैंक के ईमेल के साथ एक विदेशी बैंक गारंटी प्रस्तुत की, जो फर्जी थी।
इस मामले में SECI ने रिलायंस एनयू बीईएसएस और रिलायंस पावर के खिलाफ कार्रवाई की है। यह प्रतिबंध अनिल अंबानी के रिलायंस समूह के सामने आने वाली कई समस्याओं में से एक है। इससे पहले, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने अंबानी को पांच साल के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था और उन पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
अनिल अंबानी समूह को रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस कैपिटल के दिवालिया होने से भी बड़ा झटका लगा है। इसके अलावा, समूह का पिपावाव शिपयार्ड में निवेश भी विफल रहा है।
यह प्रतिबंध रिलायंस पावर के लिए बड़ा झटका है, और इसका असर कंपनी के भविष्य पर पड़ सकता है। अनिल अंबानी के रिलायंस समूह को इस समस्या से निपटने के लिए बड़े प्रयास करने होंगे।