संसद के विशेष सत्र को बुलाए जाने के बाद से ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। विपक्ष भी इस विशेष सत्र को लेकर जोरदार तैयारी में लगा हुआ है बीते दिनों बैठकें भी हुई और इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके साथ ही इंडिया ब्लॉक की 24 पार्टीयां 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र में भाग लेने के लिए भी तैयार हो गई है। इसी बीच आपको ये भी बता दें कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर विशेष सत्र के एजेंडें के बारे में पूछेंगीं।
इसके अलावा विपक्ष की तरफ से यह भी कहा गया है कि वह संसद के विशेष सत्र में अडानी ग्रुप के खिलाफ ताजा आरोप बढ़ती कीमतें, बेरोजगारी, मणिपुर की स्थिति और केंद्र राज्य संबंधों पर चर्चा भी विपक्ष करना चाहता है।इसके अलावा इंडिया गठबंधन की उसमें यह भी चर्चा हुई कि इंडिया की सभी पार्टियों भारत को संविधान से हटाने के किसी भी कदम का विरोध करेंगे, कुछ छोटे दलों ने मीटिंग में यह भी पक्ष रखा की सब विशेष सत्र का बहिष्कार करना चाहिए लेकिन बड़ी पार्टियों ने इस सुझाव को खारिज किया और सकारात्मक एजेंडें के साथ सत्र में आने का फैसला किया
इस बैठक के बाद कांग्रेस के गौरव गोगोई की तरफ से सरकार पर हमला बोला गया, उन्होंने कहा कि सभी नेताओं की राय थी कि यह सत्र क्यों बुलाया गया सरकार की तरफ से कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है देश को नहीं पता है की विशेष सत्र की खासियत क्या है, बीजेपी को देश को बताना चाहिए की विशेष एजेंडा क्या है।तो वही बैठक में महिला आरक्षण बिल पर भी बात उठी कांग्रेस टीएमसी वामपंथी और कुछ दूसरे दलों ने घोषणा की है कि अगर यह विधायेक आता है तो वे पूरे दिल से इसका समर्थन करेंगे हालांकि समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, और जदयू जैसी पार्टियां अपनी मांग पर अड़ी हुई है।