देश रोज़ाना: धारा 370 का नाम लेते ही हमारे मन में जम्मू कश्मीर की छवि बनती है। क्योंकि यह धारा एक लंबे समय से जम्मू कश्मीर में लगी हुई है जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला बताने से पहले एक बार हम फिर से 370 धारा पर चर्चा करेंगे। आखिर यह 370 है क्या और कब लगाई जाती है। आर्टिकल 370 भारतीय संविधान का एक प्रावधान था। जो जम्मू-कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा देता है। अनुच्छेद 370 का उद्देश्य धीरे-धीरे जम्मू-कश्मीर को भारत के अन्य राज्यों के बराबर लाना था।
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के चार साल बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। SC ने इसकी वैधानिकता को सही ठहराया है। कोर्ट के फैसले पर जम्मू कश्मीर के पूर्व महाराजा हरि सिंह के बेटे और पूर्व सांसद कर्ण सिंह ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा, मैं कोर्ट को बधाई देना चाहता हूं। साथ ही अगले साल तक चुनाव कराए जाने और राज्य का दर्जा दिए जाने का आदेश भी जम्मू कश्मीर के लिए खुशी देने वाला है।
5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रभाव को खत्म कर दिया था, साथ ही राज्य को 2 हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। केंद्र के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 23 अर्जियां दी गई थीं। सभी को सुनने के बाद सितंबर में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। 370 हटने के 4 साल, 4 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने फैसला सुनाया।
5 अगस्त 2019 का वो ऐतिहासिक दिन था जब केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर से संविधान के आर्टिकल 370 को हटाने के लिए एक बिल को संसद से पेश किया था, जिसे मंजूरी मिलने के बाद आर्टिकल 370 निरस्त हो गया। अब आप इस मुद्दे पर क्या सोचते है कमेंट करके हमे जरूर बताए।