मराठा आरक्षण की आग से पूरा महाराष्ट्र जल रहा है और खबर ऐसी आ रही है कि महाराष्ट्र सरकार को मराठा नेता मनोज जरंगे पाटिल से दो जनवरी तक की डेडलाइन मिली है और उन्होंने अपना अनशन खत्म कर दिया है लेकिन अभी भी वह अपनी मांग पर अड़े हुए है।
दरअसल उद्धव ठाकरे ग्रुप के सांसद संजय राउत इसे लेकर बड़ा दावा कर रहे हैं साथ ही उन्होंने सवाल भी किया है कि क्या पर्दे के पीछे से कोई इस आंदोलन का राजनीतिकरण कर रहा है यह जांच का विषय है।
संजय राउत का कहना है कि सरकार को लगा कि यह मामला उसके नियंत्रण से बाहर चला जाएगा क्योंकि पूरा महाराष्ट्र जल रहा है इसलिए उन्होंने पाटिल को आश्वासन दिया और मामले को फिलहाल रोक दिया हालांकि महाराष्ट्र में स्थिति और अस्थिर है और उथल-पुथल मची हुई है।
इसके साथ ही संजय राउत ने यह भी कहा कि जब सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन पर थे उस वक्त केंद्र सरकार भी इसी तरह उनकी मदद कर रही थी लेकिन भ्रष्टाचार दूर नहीं हुआ। आज महाराष्ट्र का पूरा समाज जरांगे पाटिल के साथ खड़ा है,वे भले ही राजनेता ना हो लेकिन आम मराठा उनके साथ खड़े हुए हैं।
मराठा आरक्षण संविधान की जरूरत
संजय राउत ने कहां की जब हमें इस बात का एहसास हुआ कि इस उपवास से उनकी जान जा सकती है तो उद्धव ठाकरे,शाहू महाराज सभी यही कह रहे थे कि उन्हें अपनी जान का ख्याल रखना चाहिए। मराठा को आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन करना होगा इसके लिए लोकसभा सत्र बुलाकर प्रस्ताव रखना चाहिए इसके लिए भाजपा नेताओं को पहल करनी होगी लेकिन बीजेपी का कोई भी नेता और महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री इस बारे में बात ही नहीं करना चाह रहा है।
क्या इस प्रस्ताव पर इस शीतकालीन सत्र में बहस होने वाली है इसके साथ ही संजय रावत ने यह भी कहा कि यह छोटे बड़े तोता कुछ नहीं बोलते बीजेपी में चाणक्य की फौज है जब तक विशेष सत्र नहीं बुलाया जाएगा और आगामी सत्र में प्रस्ताव पेश नहीं किया जाएगा तब तक यह मुद्दा दूर नहीं होगा।
सरकार गिर जाएगी दो जनवरी के पहले
संजय राउत ने बड़ा दावा करते हुए यह भी कहा कि जरांदे पाटिल ने 24 दिसंबर तक का वक्त दिया है लेकिन सरकार ने दो जनवरी का वक्त मांगा है,उससे पहले ही सरकार चली जाएगी इसलिए सरकार जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। सीएम शिंदे जानते हैं कि यह सरकार 31 दिसंबर तक महाराष्ट्र में नहीं रहेगी,इसके साथ ही संजय राउत ने यह भी कहा कि इसलिए जरांगे पाटिल को बड़ी समझदारी से 24 दिसंबर तक की तारीख दी गई है। सरकार को यह पता चल गया है कि 31 दिसंबर तक उनकी सरकार नहीं चलेगी।
उन्होंने फैसला जनवरी तक के लिए टाल दिया है। संजय राउत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे दो जनवरी को आने वाली नई सरकार पर यह जिम्मेदारी छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे हैं।