देश रोजाना: अनानास एक ऐसा फल है। जो बाकी सभी फलों की शोभा बढ़ाता है। शादी विवाह में फलों की टोकरी तैयार की जाती है। और अंतिम लुक अनानास के साथ दिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कैसे अनानास भारत पहुंचा??अनानास स्पेन के रास्ते अमेरिका से 1000 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करके भारत पहुंचा है।
जब पुर्तगाली कारोबार करने की उम्मीद से भारत पर पहुंचे थे तो वह अपने साथ अनानास का फल लेकर आए थे। कारोबार की मंशा से निकला कोलंबस का काफिला जहाज को समुद्र के किनारे खड़ा करके कुछ खाने की तलाश में पास के गांव में पहुंचे। गांव वालों ने समुंद्री मेहमानों को अच्छा खाना परोसा। जिसके बाद उन्हें खाने में पाइनएप्पल दिया।
कोलंबस स्कूल पाइनएप्पल खाने में काफी स्वादिष्ट लगा जिसके बाद वे स्वदेश लौटी तो अपने साथ पाइनएप्पल लेकर गए। जिसके बाद राजा भी इस फल का दीवाना हो गया और पूरे यूरोप में पाइनएप्पल उगाने का आदेश दिया। यूरोप में पाइनएप्पल उगाने में पूरे 200 साल लग गए थे। क्योंकि जमीन और मौसम पाइनएप्पल उगाने के लिए सही नहीं था।इस तरह भारत में पाइनएपल आया।
पाइनएप्पल का ऊपर हिस्साहटाने के बाद जो बचता है उसका रस निकालकर फॉर्मेट करके वहीं पर विनेगर भी तैयार किया जाता है। जल्द ही वह दिन आ सकता है कि हम आपसे किसी पाइनएप्पल पार्टी में मिलेंगे और पाइनएप्पल के बने साबुन कपड़े जूते प्लेट वाइन और इससे रसीले फल का इस्तेमाल करेंगे।