-नम्रता पुरोहित कांडपाल
2024 का चुनावी सफर, जिसका शंखनाद सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी कर ही चुकी है। कई राज्यों में रैलियां योजना परियोजनाओं का शिलान्यास हो ही रहा है। इसी बीच लगातार खबरें यह भी आ रही है कि मोदी कैबिनेट में बदलाव किया जा सकता है। कई बड़े नामों की चर्चा है जिन्हें राज्यों की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके साथ-साथ मंत्रिमंडल में भी कई नए चेहरों को जगह मिल सकती है। उम्मीद तो सहयोगी दलों को भी है कि उन्हें कैबिनेट में बर्थ मिल ही जाएगी क्योंकि लोकसभा चुनाव में ज्यादा वक्त नहीं बचा है और उसके बाद कुछ प्रदेशों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में मोदी कैबिनेट में बदलाव का इन चुनावों पर असर भी दिखना लाजमी है।
जिन नामों को संगठन में भेजने की चर्चा हो रही है उनमें सबसे पहले नाम धर्मेंद्र प्रधान का आता है जो मौजूदा वक्त में शिक्षा मंत्रालय जैसा भारी-भरकम मंत्रालय देख रहे हैं। इसके साथ ही वे उत्तर प्रदेश के प्रभारी भी हैं। तो वहीं जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत को पार्टी संगठनों के कामों में लगा सकती है। राजस्थान से आने वाले शेखावत को मंत्रिमंडल से निकालकर उनके गृह राज्य से लेकर दूसरे किसी राज्य की जिम्मेदारी देने की बात चल रही है और उधर हिमाचल प्रदेश के रहने वाले अनुराग ठाकुर जो मौजूदा वक्त में सूचना प्रसारण मंत्री है उनके नाम की चर्चा भी जोरों पर है। क्योंकि हिमाचल चुनाव तो बीजेपी हार चुकी है। ऐसे में ऐसा कहा जा रहा है कि अनुराग ठाकुर को उनके ही राज्य में या किसी दूसरे राज्य में पार्टी भेज सकती है।
एक नाम चर्चा में और है और वह नाम है अश्वनी वैष्णव का। उन्हें भी कैबिनेट से निकालकर संगठन में लाया जा सकता है। हालांकि उन्हें हाल ही में मध्य प्रदेश का प्रभारी भी बनाया गया है। इसके साथ ही दूसरी तरफ कुछ सहयोगी दलों को कैबिनेट में भेजने की तैयारी भी हो रही है। जिसमें शिंदे गुट को एक कैबिनेट बर्थ मिल सकती है और चिराग पासवान को भी मंत्री बनाया जा सकता है। साथ ही कई अन्य सहयोगी पार्टियों को भी मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। आपको बता दें इससे पहले मोदी कैबिनेट में 2014 से लेकर अब तक कई बार कैबिनेट में बदलाव हो चुका है। सबसे पहले 9 नवंबर 2014 को मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया था। जिसमें 21 चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। जबकि उसके बाद 5 जुलाई 2016 को 19 नए चेहरों के साथ कैबिनेट में बदलाव हुआ था।
तीन सितंबर 2017 और सात जुलाई 2021 को कैबिनेट में बदलाव किया जा चुका है। उसके बाद 18 मई को भी कैबिनेट में बदलाव देखने को मिला था। जब किरण रिजिजू को केंद्रीय कानून मंत्री और उनके सहयोगी एस पी बघेल को हटाकर दूसरे मंत्रालय में भेज दिया गया था और उनकी जगह अर्जुन राम मेघवाल को नया कानून मंत्री बना दिया गया था। अब यह देखने वाली बात होगी कि राजनीति के चाणक्य अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी अपनी सोच और समझ से किन लोगों को इस बदलाव के लिस्ट में शामिल करते हैं जो आने वाले चुनावों को मद्देनजर किया जाएगा।