दिल्ली का ‘ताज’ किसके सिर सजेगा यह तो आठ फरवरी को तय होगा लेकिन राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे। आम आदमी पार्टी जहां दस सालों में किए गए विकास कार्यों का हवाला दे रही है तो वहीं भाजपा जीत के बाद ‘डबल इंजन सरकार’ के बूते राज्य की बेहतरी के वादे कर रही है। अब यह तो वक्त बताएगा कि जनता किसके वादों पर यकीन करती है और किसके दावों को नकारती है लेकिन फिलहाल अपने ही विधायक के एक बयान की वजह से आम आदमी पार्टी असहज हो सकती है। दरअसल, गोवा में आम आदमी पार्टी विधायक वेन्जी वीगास ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों की जमकर तारीफ की है।
प्रमोद सावंत गोवा के पहले मुख्यमंत्री सरीखे
‘आप’ विधायक वेन्जी वीगास ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की तारीफ करते हुए उनके निर्वाचन क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों की सराहना की और उन्हें गोवा के पहले मुख्यमंत्री दयानंद बंडोदकर जैसा नेता बताया। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के उद्घाटन के दौरान बोलते हुए वीगास ने कहा कि “मैं डॉ. प्रमोद सावंत का आभार व्यक्त करता हूं, उनको धन्यवाद देता हूं। मैं उन्हें गोवा के पहले मुख्यमंत्री दयानंद बांदोडकर के जैसा मानता हूं।”
वीगास यहीं रूके नहीं उन्होंने कहा कि बेनाउलिम में जितनी भी परियोजनाएं मंजूर की गईं, वह प्रमोद सावंत के सहयोग के कारण संभव हो पाईं हैं। मुख्यमंत्री सावंत ने राजनीति और विकास को अलग रखा है, और आम आदमी पार्टी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र में भी विकास कार्य किया। उन्होंने कहा कि सभी लोग ‘ब्रांड गोवा’ बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
बकौल वीगास वह भाजपा से हैं, और मैं आम आदमी पार्टी से हूं। लेकिन “विकास के मसलों पर प्रमोद सावंत ने कभी भी उन्हें नकारा नहीं।
डबल इंजन सरकार के विकास कार्यों पर मुहर
आम आदमी पार्टी विधायक ने भले ही यह बयान गोवा में दिया हो लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनावों में इस पर जमकर घमासान मचेगा। दरअसल, बीजेपी बार बार यह कह रही है कि यदि पार्टी चुनाव जीतती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दिल्ली में डबल इंजन की सरकार जमकर विकास कार्य कराएगी। वहीं आम आदमी पार्टी अपराध समेत अन्य मुद्दों के बहाने डबल इंजन सरकार पर अक्सर कटाक्ष करती रहती है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि ‘आप’ अपने ही विधायक के बयान से उपजी सियासी स्थितियों से कैसे निपटती है लेकिन इतना तो साफ है कि ‘आप’ विधायक का यह बयान दिल्ली चुनाव में बीजेपी के लिए किसी संजीवनी से कम साबित होगा।