शिमला। तीन दिनों से लगातार जारी भारी बारिश ने ‘जन्नत’ कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश में कहर बरपाया है। सोमवार को कुल्लू की लगघाटी के फलाण में बादल फट गया है। बादल फटने से 100 बीघा जमीन बह गई है। इसी पंचायत के एक अन्य नाले में बाढ़ के बाद भूस्खलन के खतरे को देखते हुए 12 घरों को खाली करवा दिया गया है। शिमला जिले की ठियोग तहसील के पलवी गांव में सोमवार सुबह 11 बजे एक मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार प्रदेश को लगभग 3,000 से 4,000 करोड़ रुपये तक का नुकसान आंका गया है।
छह नेशनल हाईवे समेत 828 सड़कें यातायात के लिए अवरुद्ध हैं। 4686 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं। मनाली में तीन वोल्वो बसों के बहने की सूचना है। चार लोग बहने से लापता हैं। तीन लोग मनाली से बह गए हैं। एक गाड़ी सहित बहा है।कुल्लू के अखाड़ा बाजार में बैली ब्रिज को भारी नुकसान हुआ है। आवाजाही बंद कर दी गई है। सोलन जिले के औद्योगिक क्षेत्र परवाणू में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सेक्टर चार में कई गाड़ियां पानी के तेज बहाव में बह गई हैं। लोग दहशत में हैं।
प्रदेश सरकार ने मेडिकल कॉलेजों, जिले के बड़े अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। लोक निर्माण और जल शक्ति विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को फील्ड में उतारा गया है। इनकी छुट्टियां पहले से ही रद्द कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को आगामी 10 दिनों तक सतर्क रहने और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम ठीक होने पर हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके लाहौल-स्पीति और कुल्लू जिलों में फंसे लगभग 300 पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को निकालने के प्रयास किए जाएंगे।
ब्यास नदी के उफान में डूबा पंचवक्त्र मंदिर
मंडी में खौफनाक वीडियो सामने आया है। यहां के थुनाग इलाके में फ्लैश फ्लड की वजह से भारी नुकसान हुआ। वीडियो में थुनाग बाजार से बड़े बड़े पेड़, मलबा पत्थर मिट्टी के साथ बहकर सड़क पर आ गया है। इस दौरान लोगों में भगदड़ मच गई। मंडी में सुकेती पर बना पुल बह गया। पंडोह में बाजार डूबा है। यहां 100 साल पुराना लाल पुल बह गया है।