सावन मास : वैसे तो हर साल शिवभक्तों के लिए सावन का महीना बेहद ख़ास होता है। लेकिन इस बार एक बेहद दुर्लभ संयोग बन रहा है जिसकी वजह से शिवभक्तों के लिए यह सावन और भी ज़्यादा खास होने वाला है। इस बार सावन की शुरुआत 4 जुलाई से होगी और 31 अगस्त को सावन का समापन होगा। यानि कि इस बार सावन का महीना मलमास के चलते पूरे 59 दिनों का होगा। जिसमें भक्त चार नहीं बल्कि आठ सोमवार को भगवान शिव की पूजा कर सकेंगे। सावन मास को भगवान शिव की पूजा के लिए बेहद खास माना जाता है। जिसके चलते इसकी एहमियत और बढ़ जाती है।
4 जुलाई से शुरू हो रहा सावन मास
जानकारी के अनुसार इस बार मलमास के चलते सावन 59 दिनों का हो गया है जिसके चलते इस बार का सावन बेहद खास है। इस बार सावन मास की शुरुआत 4 जुलाई से हो रही है जिसके साथ ही इसका समापन 31 अगस्त को होगा। इसके साथ ही अधिक मास या मलमास 18 जुलाई से शुरू होकर 16 अगस्त तक रहेगा। वैदिक पंचांग के अनुसार अगर देखा जाए तो सौर मास और चंद्र मास के आधार पर 354 दिनों का साल होता है,जबकि सौर मास 365 दिनों का होता है। ऐसे में दोनों के बीच कुल 11 दिनों का अंतर आता है और यह अंतर हर तीन साल के बाद 33 दिनों का हो जाता है। जिसे अधिक मास के नाम से जाना जाता है। जिसकी वजह से इस बार सावन दो महीने का रहेगा।
इस बार चार नहीं आठ सोमवार का होगा सावन
- 10 जुलाई – पहला सोमवार
- 17 जुलाई – दूसरा सोमवार
- 24 जुलाई – तीसरा सोमवार
- 31 जुलाई – चौथा सोमवार
- 07 अगस्त – पांचवा सोमवार
- 14 अगस्त – छठा सोमवार
- 21 अगस्त – सातवां सोमवार
- 28 अगस्त – आठवां सोमवार
चार एकादशी व्रत
सावन मास में इस बार सावन सोमवार की तरह ही एकादशी में भी बढ़ोत्तरी हुई है। इस बार सावन मास में चार एकादशी के व्रत किए जाएंगे जिससे सावन मास का महत्व और भी ज़्यादा बढ़ गया है। सावन मास में पहली एकादशी का व्रत 13 जुलाई को कामिका एकादशी के दिन रखा जाएगा। दूसरी एकादशी का व्रत 27 अगस्त को पुत्रदा एकादशी के दिन के दिन रखा जाएगा। तीसरा एकादशी का व्रत 29 जुलाई को पद्मिनी एकादशी के दिन रखा जाएगा। मलमास की अंतिम एकादशी का व्रत 12 अगस्त को रखा जाएगा जिसे परमा एकादशी के नाम से जाना जाएगा।