Saturday, July 27, 2024
30.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiशिक्षा के नाम पर निजी स्कूलों की मनमानी

शिक्षा के नाम पर निजी स्कूलों की मनमानी

Google News
Google News

- Advertisement -

हाल के समय में समाज में एक धारणा तेजी से प्रचलित हुई है कि सरकारी स्कूलों के बजाय निजी स्कूलों में शिक्षा का स्तर थोड़ा ऊंचा है। इसी कारण माता पिता अपने बच्चों को निजी स्कूल में पढ़ाना बेहतर समझते हैं। हालांकि आज के समय में सरकारी स्कूलों में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ बेहतर सुविधाएं भी दी जा रही हैं, लेकिन निजी स्कूलों के प्रति अभिभावकों का रुझान कम नहीं हुआ है। माता पिता के इसी आकर्षण का फायदा अब निजी स्कूल उठाने लगे हैं और अब अपनी मनमानी करना प्रारंभ कर दिया है। जैसे किताबें और यूनिफॉर्म स्कूल से ही खरीदने के लिए वह अभिभावकों को बाध्य करते हैं।

इतना ही नहीं, यह सारी चीजें वह बाजार से अधिक कीमत पर बेचते हैं। यह मामला केवल महानगरों तक सीमित नहीं है बल्कि जम्मू कश्मीर जैसे केंद्रशासित प्रदेश के कई जिलों में संचालित निजी स्कूलों में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। जहां अभिभावकों पर निजी द्वारा अनावश्यक दबाव डालने की शिकायत मिलती है।

इस संबंध में जम्मू कश्मीर पेरेंट्स एसोसिएशन के सदस्य अमित कपूर आरोप लगाते हैं कि फीस और अन्य विषयों में निजी स्कूल सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं। कोर्ट ने एक आॅर्डर के तहत जम्मू कश्मीर कमेटी फॉर फिक्सेशन आॅफ फीस कमिटी का गठन किया था। जिसे जम्मू कश्मीर के सभी निजी स्कूलों की फीस तय करने का अधिकार दिया गया था। इसके लिए कमेटी सभी निजी स्कूलों की फाइल देखती है।

इसमें स्कूल की मान्यता, उसके खर्चे, इलेक्ट्रिसिटी बिल, टीचर्स की सैलरी इत्यादि देख कर उसी आधार पर फीस तय करती है। लेकिन अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि आज भी जम्मू कश्मीर के आधे से अधिक निजी स्कूल बिना कमेटी की इजाजत के मनमर्जी फीस तय कर रहे हैं और अभिभावकों का शोषण जारी है। अमित कपूर कहते हैं कि यह निजी स्कूल न केवल यूनिफॉर्म और किताबें अपने तय दूकान से खरीदने पर जोर देते हैं बल्कि तीन-तीन महीने की एडवांस फीस भी वसूल करते हैं।

जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि बुक और यूनिफॉर्म स्कूल वाले नहीं बेच सकते हैं और न ही वह किसी खास दूकान से खरीदने का दबाव डाल सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेशों की अवहेलना की जा रही है। ऐसे में इन निजी स्कूलों पर सख्ती से कार्रवाई करने की जरूरत है। इन्होंने शिक्षा के नाम पर व्यवसाय चला रखा है।

जम्मू के पुंछ स्थित एक निजी विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र के अभिभावक नाम नहीं बताने की शर्त पर बताते हैं कि उन्हें स्कूल द्वारा बताई गई शॉप पर से ही बच्चे की किताबें खरीदने को कहा गया। उन्हें किताबों का पूरा सेट खरीदने पर मजबूर होना पड़ा। दुकानदार किसी एक विषय की किताब देने को तैयार नहीं था। वह बताते हैं कि एक बुक सेट की कीमत लगभग छह हजार से सात हजार है। मेरे दो बच्चे हैं। मुझे इन किताबों के लिए 12 हजार से 13 हजार रुपया खर्च करने पड़े। हद तो तब हो गई, जब उन्होंने किताबों के साथ कॉपियां भी वहीं से खरीदने को कहा। नोटबुक भी उसी दुकान से खरीदने का कारण यह था कि उस पर स्कूल का लोगो लगा हुआ है जबकि फीस फिक्सेशन कमेटी की गाइड लाइंस के अनुसार कोई भी स्कूल अपना प्रचार नहीं कर सकता है। स्कूल का काम नो प्रॉफिट नो लॉस पर है। स्कूल का काम एजुकेशन देना है ना कि प्रॉफिट कमाना।

जम्मू के एक स्थानीय न्यूज चैनल ने हाल ही में अपनी रिपोर्टिंग में इस बात का खुलासा किया है कि निजी स्कूल न केवल माता-पिता बल्कि बच्चों के साथ भी ज्यादती कर रहे हैं। चैनल के अनुसार कक्षा छह के बच्चों को अलग-अलग विषयों के नाम पर कुल 26 किताबें पढ़ाई जा रही हैं।

जबकि इस क्लास के बच्चों को केवल चार विषयों से जुड़ी किताबें स्कूल लाने की जरूरत है। इसका अर्थ यह हुआ कि एनसीईआरटी के नियमों का उल्लंघन कर बच्चों को 22 अतिरिक्त किताबें पढ़ने को मजबूर किया जाता है। यह एक ओर जहां बच्चों का शारीरिक और मानसिक शोषण है, वहीं अभिभावकों पर भी आर्थिक बोझ बढ़ाना है। इतनी ज्यादा किताबें केवल बिल को बढ़ाना है। वैसे तो सरकार यह कहती है कि बच्चों को केवल एनसीईआरटी द्वारा अनुमोदित किताबें ही पढ़ानी चाहिए लेकिन कोई भी निजी स्कूल इसे फॉलो करता नजर नहीं आ रहा है।


हरीश कुमार

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

AAP Haryana: हरियाणा में सुनीता केजरीवाल करेंगी चुनाव प्रचार

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल(AAP Haryana: ) दो दिवसीय हरियाणा दौरे के दौरान अंबाला, भिवानी और रोहतक में आम आदमी...

Shrilanka Election: 21 सितंबर को श्रीलंका में होगा राष्ट्रपति पद का चुनाव

श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव(Shrilanka Election: ) आगामी 21 सितंबर को होंगे। निर्वाचन आय़ोग ने शुक्रवार को यह घोषणा की। इसी के साथ देश में...

Haryana BJP: मोहनलाल बड़ौली ने कहा, हरियाणा में तीसरी बार भी बनेगी डबल इंजन की सरकार

भारतरीय जनता पार्टी (BJP) की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष एवं राई से विधायक मोहनलाल बड़ौली ने दावा(Haryana BJP: ) किया कि प्रदेश में तीसरी बार...

Recent Comments