देश विदेश की ख़बरों में से एक खबर भारत के नज़दीकी देश कनाडा से आ रही है। पिछले कुछ समय से ट्रुडो भारत विरोधी हो कर पागल हो चुके है। अपने देश की हालत को सुधारने की जगह ट्रुडो भारत विरोधी नीतियों पर काम कर रहे हैं। देश के 24 प्रतिशत पैरेंट्स खुद कम खाना खा रहे हैं, ताकि उनके बच्चों का पेट भर सके। एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है, कि चार में से एक, यानि 24 प्रतिशत माता-पिता कम खा रहे हैं, ताकि उनके बच्चे या परिवार के सदस्य खा सकें।
देखिये कोरोना महामारी से हर देश में महंगाई बड़ी और काफी नुक्सान हुआ , कई देश इस नुकसान को झेल भी नहीं पाए और देश की खस्ता हालत होती गई। इसी कड़ी में एक रिपोर्ट भी सामने आई जिसमे कनाडा की गरीबी को दर्शाया गया। पेरेंट्स खुद भूखे रह कर बच्चों का पेट भर रहे हैं।
द साल्वेशन आर्मी की ‘एनुअल कैनेडियन पॉवर्टी एंड सोशियोइकोनॉमिक एनालिसिस 2024’ रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा में माता-पिता असंख्य चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, खासकर भोजन से संबंधित चुनौतियों ने उन्हें काफी परेशान कर रखा है। ये जानकारी साँझा होते है तरुओं सर्कार पर कई सवाल उठे।
जानकारी के लिए बता दें की पिछले कुछ समय से ट्रुडो खालिस्तानियों का समर्थन करते हुए भारत का विरोध करने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे में ट्रुडो को पहले अपने देश की गरीबी की और ध्यान देना चाहिए क्योकि कनाडा एक समृद्ध देश है जहाँ आर्थिक स्थिती ख़राब होना बहुत बड़ी लापरवाही को दर्शाता है क्योकि महामारी के बाद अब तक ट्रुडो सरकार उस नुक्सान से नहीं उभर पाई वही दूसरी और भारत सहित अन्य देश काफी हद तक इस महामारी से हुआ नुक्सान को ठीक कर चुके है और देश की स्थिति को दुबारा से पटरी पर ला चुके हैं।
हमारे इस लेख में हमने आपको बताया की भारत का विरोध करने वाले ट्रुडो अपने ही देश को नहीं संभाल पा रहे ऐसे में क्या उन्हें भारत से दुश्मनी लेना सही रहेगा , क्योकि भारत एक ऐसा देश है जो मुसीबत के वक्त अपने पड़ोसी देश और नज़दीकी देशों की मदद करने में बिलकुल भी संदेह नहीं करता।