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#DeshRojanaExplainer: POINT NEMO – सैटेलाइट का कब्रिस्तान

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POINT NIMO : आपने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) का तो नाम सुना ही होगा। वही, जो स्पेस रिसर्च के लिए पृथ्वी से 400 किलोमीटर लगातार चक्कर लगा रहा है। बताया गया है कि इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन सात-आठ साल में खत्‍म हो जाएगा। अमेरिकी की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) यह पहले ही कन्‍फर्म कर चुकी है। अब सवाल है कि इतना बड़ा स्टेशन समाप्त हो जाएगा तो, इसका मलबा कहा जाएगा? तो आइए आज इस सवाल का जवाब ढूंढ़ते हैं…

POINT NEMO : नासा ने क्या प्लान किया है

नासा ने कहा है कि काम खत्म होने के बाद आईएसएस को डीऑर्बिट यानी हटा दिया जाएगा। इसे पृथ्‍वी पर गिराया जाएगा। इसके मलबे को पॉइंट निमो (Point Nemo) में गिराया जाएगा।

पॉइंट निमो पृथ्वी पर ही स्थित है। इसका नाम पॉइंट निमो इसलिए भी पड़ा क्योंकि यहां कुछ भी नहीं है। यह सबसे अकेला स्थान है। इसे सैटेलाइट्स का कब्रिस्तान भी कहा जाता है। नासा अपने आईएसएस को यहीं गिराएगा।

क्‍या है पॉइंट निमो (What is Point Nemo)

पॉइंट निमो, दुनिया की ऐसी जगह है, जहां कोई नहीं रहता। इसे ‘दुर्गमता का ध्रुव’ (pole of inaccessibility) भी कहा जाता है। यह एक ऐसी जगह है, जहां से जमीनी इलाका भी 2,700 किलोमीटर दूर है, वह भी एक द्वीप की शक्‍ल में।

कहां है पॉइंट निमो (Where is Point Nemo)

पॉइंट निमो, प्रशांत महासागर के बीच में है। यह समुद्र में ऐसा क्षेत्र हैं, जहां हजारों किलोमीटर दूर तक कोई बसावट नहीं है। न्‍यूजीलैंड से यह जगह करीब 3000 मील दूर और अर्जेंटीना से 2600 मील दूर है। स्‍पेस इंडस्‍ट्री के लिए यह जगह बीते कुछ वर्षों में बेहतरीन साबित हुई है। लाइव साइंस की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1970 के दशक से बाद से करीब 300 रिटायर्ड स्‍पेसक्राफ्ट को यहां गिराया गया है।

निमो पॉइंट पर डीऑर्बिट होगा ISS

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी बता चुकी है कि इंटरनेशनल स्‍पेस स्टेशन को भी निमो पॉइंट पर डीऑर्बिट करने की योजना है। नासा ने साल 2031 तक आईएसएस को ऑफिशियली बंद करने का लक्ष्‍य रखा है। रिपोर्ट बताती है कि 109 मीटर लंबा और 4 लाख किलो से ज्‍यादा भारी आईएसएस, निमो पॉइंट पर गिराया जाने वाला सबसे बड़ा स्‍पेस कचरा होगा। 

निमो पॉइंट ही क्‍यों चुना गया

स्‍पेसक्राफ्ट को डीऑर्बिट करना स्‍पेस एजेंसियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण काम है। इसका बारीकी से ध्‍यान रखना होता है कि पृथ्‍वी पर उससे कोई प्रभावित ना हो। निमो पॉइंट ऐसी जगह है, जहां कोई नहीं रह रहा है। वहां कोई बोट नहीं तैरती। उस जगह के ऊपर से कोई फ्लाइट्स नहीं उड़तीं। यह बिल्कुल खाली जगह है।

खोजने वाला भी नहीं पहुंचा नीमो पॉइंट

नीमो पॉइंट दुनिया में कई बेहद रहस्यमयी जगहों में से एक हैं। यह धरती पर एक ऐसी जगह स्थित है, जो चारों तरफ से प्रशांत महासागर से घिरी हुई है। सबसे हैरानी वाली बात यह है कि इसकी खोज करने वाले वैज्ञानिक भी अभी तक यहां पर नहीं पहुंच सके हैं। इंसानों की आबादी से हजारों किलोमीटर दूर स्थित इस जगह पर जाना आसान नहीं है।

इस रहस्यमयी जगह पर चारों तरफ सिर्फ सन्नाटा है। साल 1992 में एक सर्वे इंजीनियर ने प्वाइंट निमो की खोज की थी। उनका नाम हर्वोज लुकातेला था। इस जगह पर न कोई इंसान है और न ही कोई वनस्पति। यहां पर अंतरिक्ष की खराब सैटेलाइट को गिराया जाता है।

सैटेलाइट के ईंधन को गिराने के लिए भी इस जगह का इस्तेमाल किया जाता है और इस जगह का इस्तेमाल सैटेलाइटों के कबाड़ को इकट्ठा करने के लिए किया जाता है। इस जगह पर हजारों किलोमीटर में सैटेलाइटों का मलबा पड़ा है।

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