प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड (ED JHAKHAND: )के रांची सहित 20 स्थानों पर आईएएस अधिकारी मनीष रंजन, पेयजल और स्वच्छता मंत्री मिथलेश ठाकुर और उनके सहयोगियों के खिलाफ जल जीवन मिशन में कथित अनियमितताओं के संबंध में छापे मारे। सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसी ने मनीष रंजन, मिथलेश ठाकुर के भाई विनय ठाकुर, उनके निजी सचिव हरेंद्र सिंह और अन्य के परिसरों पर छापे मारे।
ED JHAKHAND: मिथलेश ठाकुर हेमंत सोरेन कैबिनेट में पेयजल स्वच्छता मंत्री हैं
ये तलाशी अभियान सरकारी अधिकारियों, ठेकेदारों और व्यवसायियों को भी कवर करते हैं। छापों के दौरान कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए जाने की सूचना है।जांच जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार और विसंगतियों की शिकायतों पर आधारित है, जो झारखंड के कई जिलों में हो रही हैं। कई मामलों में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई हैं, और ईडी इन रिपोर्टों के आधार पर अपनी जांच को विस्तारित करने पर काम कर रहा है। जानकारी के मुताबिक, ईडी का यह ऐक्शन राज्य पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा जल जीवन मिशन में कथित घोटाले से संबंधित है। विभाग के कुछ इंजीनियरों के ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है। गौरतलब है कि मिथलेश ठाकुर हेमंत सोरेन कैबिनेट में पेयजल स्वच्छता मंत्री हैं। एसके गैस एजेंसी के मालिक विजय अग्रवाल, चाईबासा में मंत्री मिथलेश ठाकुर के भाई विनय ठाकुर, आईएएस मनीष रंजन, डोरंडा में मिथलेश ठाकुर के पीएस हरेंद्र सिंह, पेयजल के कई अभियंताओं, रांची के इंद्रपुरी स्थित विजय अग्रवाल के घर समेत करीब 20 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी चल रही है। सोमवार की सुबह रांची एयरपोर्ट स्थित कार्यालय से ईडी की टीम निकली। टीम राज्य में कई जगहों पर पहुंची और छापेमारी शुरू की गई। जानकारी के मुताबिक, ईडी की टीम मंत्री मिथलेश ठाकुर के भाई विनय ठाकुर और उनके पीएस हरेंद्र सिंह के ठिकाने पर पहुंची है। मंत्री के दोनों करीबियों के यहां छापेमारी चल रही है। इसके अलावा आईएएस मनीष रंजन के सरकारी आवास पर भी केंद्रीय एजेंसी की टीम रेड करने पहुंची है। रांची और चाईबासा सहित कई जगहों पर छापेमारी की जा रही है। ईडी की टीम आईएएस मनीष रंजन, मंत्री मिथलेश ठाकुर के पीएस हरेंद्र सिंह, मंत्री के भाई विनय ठाकुर और कई विभागीय इंजीनियरों से संबंधित 20 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह छापेमारी पेयजल और स्वच्छता विभाग के जल जीवन मिशन में अनियमितताओं के मामले में की गई है।