नवरात्रि का आठवां दिन, जिसे दुर्गा अष्टमी के रूप में मनाया जाता है, भक्तों के लिए एक विशेष अवसर है। यह दिन शक्ति और भक्ति का प्रतीक है, जहां माता दुर्गा के महागौरी स्वरूप की आराधना की जाती है।
दुर्गा अष्टमी : कन्याओं का महत्व
दुर्गा अष्टमी पर कंजक पूजा की जाती है, जिसमें नवजात कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर पूजा जाता है। भक्त इन्हें आमंत्रित कर भोजन कराते हैं और उपहार देते हैं। यह परंपरा न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह कन्याओं के प्रति सम्मान और उनकी शक्ति को मान्यता देती है।
महागौरी का आशीर्वाद
महागौरी, जो माँ दुर्गा के रूपों में से एक हैं, इस दिन की आराधना का केंद्र हैं। भक्त इस दिन विशेष ध्यान और श्रद्धा से उनका पूजन करते हैं, जिससे उनके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का आगमन होता है।
विशेष परंपराएँ: वस्त्र और रंग
इस दिन भक्त विशेष रूप से काले और सफेद वस्त्र पहनते हैं। मान्यता है कि ये रंग मानसिक शक्ति को बढ़ाते हैं और मन में सकारात्मकता लाते हैं। नवरात्रि के इस पावन दिन पर घरों में विशेष सजावट की जाती है, और देवी के दरबार में दीप जलाए जाते हैं।
भक्ति गीतों का समागम
दुर्गा अष्टमी पर हर जगह भक्ति गीतों की गूंज सुनाई देती है। मंदिरों में भक्त जन मिलकर भजन गाते हैं, जिससे वातावरण में एक अद्भुत ऊर्जा और आध्यात्मिकता का संचार होता है।
नवरात्रि की शुभकामनाएँ!
दुर्गा अष्टमी के इस विशेष अवसर पर सभी को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ! माता दुर्गा का आशीर्वाद आपके जीवन में खुशियों और समृद्धि का संचार करे।