इस साल का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनकी सरकार आधी आबादी को मजबूती देने के लिए जरूरी कदम उठा रही है। बजट भाषण के दौरान उन्होंने लखपति दीदी योजना का जिक्र किया। वित्त मंत्री ने कहा, सरकार लखपति दीदी योजना को और बढ़ावा देने पर काम कर रही है।
क्या बोले फारूक अब्दुल्ला?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने लखपति दीदी योजना पर कहा, ”यह बहुत अच्छी बात है कि वह लखपति बनेंगी, स्वतंत्र होंगी, उनके घर में आबादी बढ़ेगी। हम उम्मीद करेंगे कि वो नरम रहेंगी, ये न हो कि फिर शादियां टूट जाएं। ऐसा नहीं होना चाहिए। क्योंकि आजकल हालात ऐसे हैं कि शादियां ज्यादा दिनों तक नहीं टिकतीं।’ वहीं 2024-25 के अंतरिम बजट पर उन्होंने कहा, “इस बजट में ऐसा कुछ नहीं है, असली बजट जुलाई में आएगा। हमें उम्मीद है कि लोगों को नौकरियां मिलेंगी और महंगाई कम होगी।”
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वित्त मंत्री ने लोकसभा में किया था जिक्र
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए ऐलान किया था कि सरकार ने लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ करने का फैसला किया है। इस योजना का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान करना है, ताकि वे प्रति वर्ष कम से कम एक लाख रुपये की स्थायी आय अर्जित कर सकें।
लखपति योजना के तहत महिलाओं को पैसे बचाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसमें कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर ध्यान दिया गया है। महिलाओं को व्यवसाय शुरू करने के लिए मार्गदर्शन दिया जाता है। इस योजना के तहत महिलाओं को वित्तीय सुरक्षा भी दी जाती है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ”नौ करोड़ महिलाओं वाले 83 लाख स्वयं सहायता समूह सशक्त और आत्मनिर्भर बनकर ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। उनकी सफलता ने पहले ही लगभग एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनने में मदद की है।”
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