केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की हाल में आई रिपोर्ट चिंताजनक है। रिपोर्ट बताती है कि देश भर में 54 में से 50 कंपनियों के कफ सिरप लैबोरेटरी जांच में फेल पाए गए हैं। इन कंपनियों के कफ सिरप देश में ही नहीं, विदेश में भी बिकते हैं। इन सिरपों का उपयोग खांसी जुकाम के दौरान बच्चों से लेकर बूढ़े तक करते हैं। इनका उपयोग करने वालों पर कितना प्रतिकूल प्रभाव पड़ता होगा, इसका अनुमान लगाया जा सकता है।
कई महीनों पहले गांबिया देश में 70 बच्चों की मौत का कारण भारतीय कफ सिरप को बताया गया था। इस कफ सिरप का निर्माण भारतीय कंपनी मैडेन फार्मास्यूटिकल प्रा.लि. ने किया था। भारतीय कंपनी पर घटिया कफ सिरप निर्माण का आरो लगने के बाद ही पूरे देश में दवा निर्माता कंपनियों पर सख्ती बरतनी शुरू की गई। इसको लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी विवाद हुआ था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी भारतीय कंपनियों की दवाओं की जांच की मांग की थी।
हालांकि, भारत में जब इन दवा कंपनियों की जांच की गई थी, तो उसमें कोई अनियमितता नहीं पाई गई थी। भारत में बने कफ सिरप को दुनिया भर में अब तक 141 बच्चों की मौत से जोड़ा जा चुका है। अब जब सीडीएससीओ ने 50 कंपनियों के कफ सिरप को फेल बताया है, तब यह आशंका सही लगती है कि इन कंपनियों की दवाओं से दुनिया भर के बच्चों की मौत हुई होगी। हमारे देश में ही न जाने कितने बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को इन मिलावटी और घटिया दवाओं के कारण नुकसान उठाना पड़ा होगा।
सीडीएससीओ की रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर में 54 कंपनियों की अलग-अलग दवाओं के 2104 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। इनमें से 128 कफ सिरप की गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरी। फूड एंड ड्रग लैबोरोटरी गुजरात ने अक्टूबर तक 20 कंपनियों के 385 सैंपलों की जांच की थी। इनमें से 51 सैंपल फेल पाए गए थे। इसी तरह सेंट्र्ल ड्रग्स टेस्टिंग लैबोरेटरी मुंबई ने 10 कंपनियों के 523 सैंपल जांच के लिए भेजे थे। इनमें से 18 सैंपल गुणवत्ता जांच में फेल मिले थे। पिछले कई दशकों से देश में मिलावटी और नकली दवाओं की बहुत बड़ी खेप बाजार में उतारी जा रही है।
कैंसर जैसे रोगों की दवाएं तक ब्रांडेड दवाओं के नाम से बाजार में बेची जा रही हैं। यह स्थिति काफी खतरनाक है। ब्रांडेड कंपनियों के नाम से नकली दवाएं बेचने वाले लोग गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। सरकार को इन लोगों के खिलाफ देशव्यापी मुहिम चलाकर इन्हें उचित सजा दिलवानी चाहिए ताकि रोगियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने की हिम्मत कोई न कर सके। ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए ताकि बाजार में कोई भी घटिया और मिलावटी दवा बिक ही न सके।
-संजय मग्गू