सोमवार को सरकार ने बताया कि देश के भूजल स्तर(Ground Water Level: ) में छह प्रतिशत का सुधार हुआ है । साथ ही भूजल सुरक्षित क्षेत्र भी 63 प्रतिशत से बढ़ कर 73 प्रतिशत हो गया है। जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह जानकारी दी।
Ground Water Level: 2017 में 17 प्रतिशत थी
जल शक्ति मंत्री ने आगे बताया कि भूजल स्तर में गिरावट 2017 में 17 प्रतिशत थी जो 2023 में घट कर 11 प्रतिशत रह गई है। बीजद के सुजीत कुमार के पूरक प्रश्न के उत्तर में पाटिल ने बताया कि देश स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे होने पर मनाए गए अमृत महोत्सव के दौरान, हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाए गए और इसका सकारात्मक परिणाम मिला है।
Ground Water Level: बारिश के पानी के संरक्षण पर देना होगा ध्यान
उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों से मिली रिपोर्ट के अनुसार, भूजल स्तर बढ़ा है और उसकी गुणवत्ता भी सुधरी है लेकिन यह कार्य सतत करते रहना होगा वरना भूजल स्तर नीचे चला जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्षा जल संरक्षण के लिए भी ध्यान देना होगा। मंत्रालय ने इस बारे में विभिन्न योजनाएं बनाई हैं।
गुजरात को मिल रहा भरपूर पानी
भाजपा के केसरीदेव सिंह झाला के पूरक प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि गुजरात में कभी पानी की कमी थी लेकिन जब नरेन्द्र मोदी मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने जो योजनाएं बनाईं उनकी वजह से आज राज्य को भरपूर पानी मिल रहा है । उन्होंने कहा कि गुजरात में आज सीमा की सुरक्षा में लगे जवानों को भी पीने का साफ पानी मिल रहा है।
जल जीवन मिशन योजना से महिलाओं को लाभ
पाटिल ने बताया की देश की स्वाधीनता के बाद 70 वर्ष तक हर गांव में पानी नहीं पहुंच पाया। इसीलिए जल जीवन मिशन योजना शुरू की गई, जिसका सबसे अधिक लाभ महिलाओं को हुआ। उनका 75 प्रतिशत समय पानी के प्रबंध करने में लगता था और इसके बावजूद उन्हें शुद्ध पानी नहीं मिल पाता था। करीब 25 लाख महिलाओं को पानी की गुणवत्ता जांचने का प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि 19 करोड़ घरों को ‘जल जीवन मिशन’ योजना के तहत पानी दिया जा रहा है।
राज्य सरकार पर नहीं है बोझ
उन्होंने कहा कि केंद्र ने राज्य सरकार का भी बोझ हल किया है। योजना के तहत केंद्र सरकार आर्थिक मदद और तकनीकी सहायता देती है और योजना का कार्यान्वयन राज्य सरकार का जिम्मा है। हाल ही में इस संबंध में राज्य सरकारों से बातचीत भी हुई। भाजपा के अशोक चाव्हाण ने कहा कि केंद्र की ओर से 90 प्रतिशत राशि दी जाती है और राज्य सरकार का खर्च दस प्रतिशत होता है।