हिंदी दिवस के अवसर पर, हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) ने राजभाषा हिंदी (Haryana Commission Hindi: )के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और अधिक मजबूत करने का संकल्प लिया है। शनिवार को जारी एक बयान में आयोग ने कहा कि एक स्वतंत्र विनियामक इकाई के रूप में, उसने अपनी नीतियों, विनियमों और निर्णयों को हिंदी में उपलब्ध कराने के लिए महत्वपूर्ण और निरंतर प्रयास किए हैं, ताकि राज्य के नागरिकों को उनकी मातृभाषा में स्पष्ट और सुलभ जानकारी मिल सके।
Haryana Commission Hindi: अध्यक्ष ने कहा, हिंदी हमारी आत्मा और हमारे देश की पहचान
आयोग के अध्यक्ष नंद लाल शर्मा ने कहा, “हिंदी हमारी आत्मा और हमारे देश की पहचान है। हमारा लक्ष्य इस आत्मा को समृद्ध करना और अपनी नीतियों तथा निर्णयों को नागरिकों तक उनकी भाषा में पहुंचाना है। हम नए और संशोधित नियमों एवं दिशानिर्देशों को हिंदी में उपलब्ध करा रहे हैं ताकि राज्य के लोग हमारे कार्यों और नीतियों को आसानी से समझ सकें।”
कहा, हिंदी हमारे देश की राजभाषा
एचईआरसी सदस्य मुकेश गर्ग ने कहा, “हिंदी हमारे देश की राजभाषा है और इसे हर स्तर पर लागू करना हमारा नैतिक कर्तव्य है।” उन्होंने यह भी कहा कि आयोग ने हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए हैं।आयोग के सचिव नरेंद्र कुमार ने बताया, “हमने आयोग के भीतर हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। हमारे दल ने यह सुनिश्चित किया है कि बिजली उपभोक्ताओं को सीधे प्रभावित करने वाले दस्तावेज हिंदी में उपलब्ध कराए जाएं, ताकि हरियाणा के नागरिक अपनी मातृभाषा में हमारी सेवाओं का लाभ उठा सकें।” उप निदेशक (मीडिया) प्रदीप मलिक ने कहा कि नागरिकों को सूचना देने में हिंदी के उपयोग से आयोग की पारदर्शिता बढ़ती है और जनसंपर्क भी बेहतर होता है।