Monday, September 16, 2024
28.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeLATESTIMA Survey: आईएमए सर्वे , अधिकांश महिला डॉक्टर रात की ड्यूटी में...

IMA Survey: आईएमए सर्वे , अधिकांश महिला डॉक्टर रात की ड्यूटी में असुरक्षित

Google News
Google News

- Advertisement -

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ (IMA Survey: )के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि अधिकांश महिला डॉक्टर अपनी रात्रि पाली की ड्यूटी के दौरान असुरक्षित या बहुत असुरक्षित महसूस करती हैं, इतना असुरक्षित कि कुछ ने आत्मरक्षा के लिए हथियार रखने की आवश्यकता भी महसूस की है। आईएमए ने बताया कि अध्ययन में शामिल उसके एक तिहाई डॉक्टर, जिनमें से अधिकांश महिलाएं थीं, अपनी रात्रि पाली के दौरान ‘‘असुरक्षित’’ महसूस करते हैं।

IMA Survey: आईएमए ने किया ऑनलाइन सर्वेक्षण

कोलकाता में सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के बाद, रात्रि पाली के दौरान डॉक्टरों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं का आंकलन करने के लिए आईएमए ने एक ऑनलाइन सर्वेक्षण किया। इस सर्वेक्षण में पाया गया कि 45 प्रतिशत उत्तरदाताओं को रात्रि पाली के दौरान ‘ड्यूटी कक्ष’ उपलब्ध नहीं था। आईएमए ने दावा किया कि 3,885 व्यक्तिगत प्रतिक्रियाओं के साथ यह इस विषय पर भारत का सबसे बड़ा अध्ययन है।

IMA Survey:अध्ययन में 22 से अधिक राज्यों के डॉक्टर शामिल

आईएमए की केरल इकाई के अनुसंधान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन एवं उनकी टीम द्वारा इस अध्ययन के निष्कर्ष संकलित किए गए हैं। इस अध्ययन में 22 से अधिक राज्यों के डॉक्टर शामिल हुए, जिनमें से 85 प्रतिशत 35 वर्ष से कम आयु के थे, जबकि 61 प्रतिशत प्रशिक्षु या स्नातकोत्तर प्रशिक्षु थे। सर्वेक्षण के निष्कर्षों से पता चला कि ‘‘कई डॉक्टरों ने असुरक्षित (24.1 प्रतिशत) या बहुत असुरक्षित (11.4 प्रतिशत) महसूस करने की बात कही, जो कुल उत्तरदाताओं का एक तिहाई है। असुरक्षित महसूस करने वालों का अनुपात महिलाओं में अधिक था।’’

ड्यूटी कक्ष अक्सर भीड़भाड़ वाले होते हैं

अध्ययन के मुताबिक, 20-30 वर्ष की आयु के डॉक्टरों में सुरक्षा की भावना सबसे कम थी और इस समूह में अधिकतर प्रशिक्षु और स्नातकोत्तर शामिल थे। इसके मुताबिक, रात्रि पाली के दौरान 45 प्रतिशत उत्तरदाताओं को ‘ड्यूटी कक्ष’ उपलब्ध नहीं था और जिन लोगों के पास ड्यूटी रूम था, उनमें सुरक्षा की भावना अधिक थी। अध्ययन में पाया गया कि ड्यूटी कक्ष अक्सर भीड़भाड़ वाले होते हैं, जिनमें ताला लगाने की व्यवस्था जैसी आवश्यक सुविधाएं भी नहीं होती हैं। इसमें पाया गया कि उपलब्ध ड्यूटी कक्ष में से एक तिहाई में संलग्न शौचालय नहीं था।

सुरक्षा बढ़ाने के लिए डॉक्टरों ने सुझाव दिए

अध्ययन में कहा गया है, ‘‘आधे से अधिक मामलों (53 प्रतिशत) में वार्ड/आपातकालीन क्षेत्र ड्यूटी कक्ष से दूर स्थित था।’’ सुरक्षा बढ़ाने के लिए डॉक्टरों ने कुछ सुझाव दिए, जिनमें प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाना, सीसीटीवी कैमरे लगाना, उचित प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करना, केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम (सीपीए) को लागू करना, अलार्म प्रणाली लगाना और सुरक्षित ड्यूटी कक्ष जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना शामिल हैं। डॉ. जयदेवन ने कहा कि यह ऑनलाइन सर्वेक्षण पूरे भारत में सरकारी और निजी डॉक्टरों को गूगल फॉर्म  के माध्यम से भेजा गया था। 24 घंटे के भीतर 3,885 प्रतिक्रियाएं मिलीं।’’

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

क्यों मनाते हैं राष्ट्रीय ओज़ोन परत संरक्षण दिवस?: धरती के श्वास की रक्षा का संकल्प

आज, 16 सितंबर को, पूरी दुनिया राष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस मना रही है। इस दिन का उद्देश्य ओज़ोन परत की रक्षा के महत्व...

Manojjha-BJP: RJD नेता मनोज झा का BJP पर निशाना: पद की जंग के नतीजे जल्द होंगे सामने

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता मनोज कुमार झा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (Manojjha-BJP: ) में नितिन गडकरी के प्रधानमंत्री पद के...

Haryana BJP Congress: बीरेंद्र सिंह ने कहा, मोदी का प्रचार भी नहीं बदल पाएगा जनता का मन

विधानसभा चुनावों (Haryana BJP Congress: )से पहले, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि भाजपा की स्थिति हरियाणा विधानसभा...

Recent Comments