देश रोज़ाना: आज शारदीय नवरात्रि का सातंवा नवरात्रा है। इस दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां के सातंवे रूप की पूजा करने से घर में धन और यश की वृद्धि होती है। जो भी पूरी श्रद्धा के साथ मां की पूजा करता है। मां उन्हें शुभ फल देती है। इसीलिए मां को शुभंकरी भी कहा जाता है। मां कालरात्रि के नाम के पीछे अर्थ छिपा हुआ है। मां के नाम को कालरात्रि के नाम से इसीलिए जाना जाता है क्योंकि मां दुष्टों का नाश करती है। मां की पूजा करने से भूत प्रेत, अकाल मृत्यु ,रोग, शोक आदि सभी प्रकार की परेशानियां दूर होती है। ऐसे में बहुत से लोग अपनी पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ उनसे जुड़े हुए है।
मां कालरात्रि का रूप उनके नाम के जैसा ही है। मां दुर्गा के कालरात्रि का रूप अमावस्या की रात की तरह काला है। जब भी माता हुंकार भरती है तो उनकी सांस से आग निकलती है। मां के बाल काले और बिखरे हुए है। उनके गले में बड़ी बिजली की तरह चमकती माला है। मां के चार हाथ है। मां दुर्गा को कालरात्रि का रूप शुम्भ, निशुम्भ और रक्तबीज को मारने के लिए लेना पड़ा था।
कैसे करे पूजा
सुबह जल्दी उठकर स्नान करे उसके बाद माता की चौकी के सामने घी का दीपक जलाएं। इस दिन माता को लाल रंग के फूल अर्पित करे। मां कालरात्रि की पूजा में मिष्ठान, पंच मेवा, पांच प्रकार के फल, अक्षत, धूप, गंध, पुष्प और गुड़ नैवेद्य आदि का अर्पण किया जाता है। इससे माता प्रसन्न होती है।
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