नए साल 2025 में सूर्य, पृथ्वी (new year eclipse:)और चंद्रमा की चाल दो सूर्यग्रहणों और दो चंद्रग्रहणों के रोमांचक दृश्य प्रस्तुत करेगी। हालांकि, उज्जैन की शासकीय जीवाजी वेधशाला का अनुमान है कि भारत में इनमें से केवल एक ग्रहण देखा जा सकेगा। वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने शुक्रवार को बताया कि 2025 का पहला ग्रहण 14 मार्च को लगने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। गुप्त ने कहा, “यह ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा क्योंकि इस समय देश में दिन का समय होगा। यह खगोलीय घटना अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, पश्चिमी अफ्रीका और उत्तरी व दक्षिणी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगी।”
इसके(new year eclipse:) बाद, 29 मार्च को होने वाला आंशिक सूर्यग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, उत्तरी अटलांटिक महासागर, पूरे यूरोप और उत्तर-पश्चिमी रूस में देखा जा सकेगा। हालांकि, भारतीय खगोलप्रेमियों को यह जानकर खुशी हो सकती है कि 2025 में 7 और 8 सितंबर के बीच होने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण भारत में देखा जा सकेगा। यह ग्रहण एशिया के अन्य देशों, यूरोप, अंटार्कटिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया और हिंद महासागर क्षेत्र में भी दिखाई देगा।
2025 का अंतिम ग्रहण 21 और 22 सितंबर को होने वाला आंशिक सूर्यग्रहण होगा, जो भारत में नहीं देखा जा सकेगा। यह ग्रहण न्यूजीलैंड, पूर्वी मेलानेशिया, दक्षिणी पोलिनेशिया और पश्चिम अंटार्कटिका में देखा जाएगा। वर्ष 2024 में उपच्छाया चंद्रग्रहण, पूर्ण सूर्यग्रहण, आंशिक चंद्रग्रहण और वलयाकार सूर्यग्रहण जैसी चार खगोलीय घटनाओं का अनुभव किया गया था।