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New criminal laws: ब्रिटिश काल के कानून खत्म, नया आपराधिक कानून लागू

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Know about News criminal laws: आज से देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू (New criminal laws) हो गए हैं। उम्मीद की जा रही है कि इससे भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव आएगी। इसके साथ ही औपनिवेशिक काल यानी ब्रिटिश काल के कानूनों का अंत हो जाएगा। बता दें कि भारतीय न्याय संहिता अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ब्रिटिश काल के क्रमश: भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे।

New criminal laws: नए जमाने के साथ कदम मिलाएगा नया कानून

नए कानूनों (New criminal laws) को आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित करने के लिए लाया गया है। इसमें ‘जीरो एफआईआर’, पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना, ‘एसएमएस’ (मोबाइल फोन पर संदेश) के जरिये समन भेजने जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम और सभी जघन्य अपराधों के वारदात स्थल की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल किए गए हैं। इन कानूनों में कुछ मौजूदा सामाजिक वास्तविकताओं और अपराधों से निपटने का प्रयास किया गया है। साथ ही संविधान में निहित आदर्शों को ध्यान में रखते हुए इनसे प्रभावी रूप से निपटने का एक तंत्र मुहैया कराया गया है।

शाह ने कहा, New criminal laws न्याय को प्राथमिकता देगा

New Delhi, Dec 20 (ANI): Union Home Minister Amit Shah speaks in the proceedings of Lok Sabha during the Winter Session of Parliament, in New Delhi on Wednesday. (ANI Photo/Sansad TV)

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा है कि नए कानून न्याय मुहैया कराने को प्राथमिकता देंगे। अंग्रेजों के समय के कानूनों में दंडनीय कार्रवाई को प्राथमिकता दी गई थी। इन कानूनों को भारतीयों ने, भारतीयों के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाया गया है। यह औपनिवेशिक काल के न्यायिक कानूनों का खात्मा करते हैं।

नए आपराधिक कानून में कई सुविधाएं

नये कानूनों (New criminal laws) के तहत आपराधिक मामलों में फैसला मुकदमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर आएगा। पहली सुनवाई के 60 दिन के भीतर आरोप तय किए जाएंगे। दुष्कर्म पीड़िताओं का बयान कोई महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी। मेडिकल रिपोर्ट सात दिन के भीतर देनी होगी। नए कानूनों में संगठित अपराधों और आतंकवाद के कृत्यों को परिभाषित किया गया है। राजद्रोह की जगह देशद्रोह लाया गया है। सभी तलाशी तथा जब्ती की कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य कर दिया गया है। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है। किसी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध बनाया गया है। किसी नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड या उम्रकैद का प्रावधान जोड़ा गया है।

नए कानून में ओवरलैप धाराओं का विलय

New criminal laws: नए कानून में ‘ओवरलैप’ धाराओं का आपस में विलय कर दिया गया है। उन्हें आसान भी किया गया है। भारतीय दंड संहिता की 511 धाराओं के मुकाबले इसमें केवल 358 धाराएं होंगी। शादी का झूठा वादा करने, नाबालिग से दुष्कर्म, भीड़ द्वारा पीटकर हत्या करने, झपटमारी आदि मामले दर्ज किए जाते थे। लेकिन पहले की भारतीय दंड संहिता में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं थे। नए कानून यानी भारतीय न्याय संहिता में इनसे निपटने के लिए प्रावधान किए गए हैं। ये तीनों कानून न्याय, पारदर्शिता और निष्पक्षता पर आधारित हैं। नये कानूनों के तहत अब कोई भी व्यक्ति पुलिस थाना गए बिना इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यम से घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज करा सकता है। इससे मामला दर्ज कराना आसान और तेज हो जाएगा तथा पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी।

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