राष्ट्रीय हरित(NGT Rajsthan:) अधिकरण (एनजीटी) ने जयपुर में संदिग्ध गैस रिसाव के बाद कई विद्यार्थियों के अस्पताल में भर्ती होने के मामले में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जयपुर के जिलाधिकारियों से जवाब तलब किया है। 15 दिसंबर को जयपुर के महेश नगर क्षेत्र में एक कोचिंग संस्थान के 10 बच्चों को पास के नाले से संदिग्ध गैस के रिसाव के कारण बेहोश होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
एनजीटी(NGT Rajsthan:) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की पीठ ने 24 दिसंबर को दिए गए आदेश में कहा, “खबर में यह नहीं बताया गया कि गैस रिसाव के पीड़ितों को मुआवजा दिया गया या नहीं। यह सार्वजनिक देयता बीमा अधिनियम और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों के अनुपालन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दे उठाता है।”
एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव, जयपुर के जिलाधिकारी और केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय को इस मामले में प्रतिवादी बनाया है। एनजीटी ने नोटिस जारी करते हुए कहा, “प्रतिवादियों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया जाता है।” मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को भोपाल स्थित एनजीटी की मध्य क्षेत्र पीठ के समक्ष होगी।