जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) लंबे समय से दंगो और गुंडागर्दी का केंद्र बनती जा रही है कुछ समय ही बीतता है कि एक नया मामला सामने आ जाता है छात्रों द्वारा धरना प्रदर्शन आम बात हो गई है लेकिन अब कोई भी यूनिवर्सिटी कैंपस में धरना-प्रदर्शन नहीं कर पाएगा आइए जानते है क्यों –
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी जोकि बेहद चर्चित होने के साथ-साथ विवादित भी रही है छात्र आंदोलन या प्रदर्शन की बात की जाएं तो मानें की ये यूनिवर्सिटी नंबर-1 पर है यहां आएं दिन छात्र अपने हितों के लिए समय-समय पर विश्वविद्यालय में प्रदर्शन कर अपनी मांग उठाते रहते है लेकिन अब वह ऐसा नहीं कर पाएंगे। दरअसल, जेएनयू (JNU) प्रशासन की और से नया आदेश जारी किया गया है जिसके मुताबिक, कैंपस में धरना देने पर 20 हजार रुपये और राष्ट्र विरोधी नारा लगाने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
इस नए आदेश के बाद अगर कोई छात्र विश्वविद्यालय के अंदर राष्ट्र विरोधी नारे लगाएगा तो उससे 10,000 रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा। इसके अलावा संदिग्ध गतिविधियों में पाए जाने वाले छात्रों पर भी बराबर की कार्यवाही की जाएगी।
आदेश से नाराज है छात्र
इस आदेश के बाद बड़ी संख्या में छात्रों में नाराजगी है। इस दौरान एबीवीपी (ABVP) के सदस्य और मीडिया इंचार्ज अंबुज तिवारी ने कहा, कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का यह नया तुगलकी फरमान पहले भी आ चुका है जिसके खिलाफ हम लोगों ने काफी प्रदर्शन किया था और उसे बाद में वापस भी लिया गया था, लेकिन आज सुनाई दे रहा है कि फिर से कोई फरमान आया है जो छात्रों के के प्रदर्शन करने पर रोक लगाने की बात कही जा रही है जोकि बिल्कुल गलत है उनका कहना है कि यह हमारा संवैधानिक अधिकार है कि हम अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करें।
बता दें कि नए नियम के मुताबिक परिसर में धरना देने पर छात्रों पर 20,000 रुपये जुर्माना और हिंसा करने पर उनका दाखिला रद्द किया जा सकता है इसके अलावा अन्य गतिविधि में पाएं जाने पर 30,000 रुपये का भी जुर्माना लगाया जा सकता है।