शिक्षक का ऋण माता-पिता के ऋण की तरह कभी चुकाया नहीं जा सकता है। शिक्षक ही हमें एक सभ्य और समाज में रहने लायक बनाता है। वह मेहनत करके हमारे व्यक्तित्व को गढ़ता है जिसकी बदौलत हम समाज में एक सभ्य नागरिक के तौर पर जाने जाते हैं। यही वजह है कि पूरी दुनिया में शिक्षक का सम्मान सबसे ज्यादा किया जाता है। अमेरिका की घटना है। अमेरिका के 34वें राष्ट्रपति आइजनहावर ने ह्वाइट हाउस में प्रीतिभोज का आयोजन किया। प्रीतिभोज में जाने को तो बहुत सारे लोग लालायित थे, लेकिन यह सौभाग्य कुछ ही लोगों को मिला।
प्रसिद्ध अमेरिकी लेखक जेम्स मिनेचर को भी प्रीतिभोज में शामिल होने का निमंत्रण मिला, लेकिन उनके सामने एक दिक्कत खड़ी हो गई। उसी दिन उसी समय उनकी एक शिक्षिका को भी दूसरी जगह सम्मानित किया जाना था, जिसमें वे शामिल होना चाहते थे। काफी सोचविचार के बाद उन्होंने शिक्षिका के सम्मान समारोह में जाने का फैसला किया और राष्ट्रपति आइजनहावर को उन्होंने पत्र लिखा कि मैं आपका निमंत्रण पाकर अपने को सौभाग्यशाली मानता हूं। लेकिन मैं प्रीतिभोज में शामिल नहीं हो पाऊंगा क्योंकि ठीक उसी समय दूसरी जगह पर मेरी शिक्षिका का सम्मान होना है और मैं वहां रहना चाहता हूं।
यह मेरी शिक्षिका की ही मेहनत का परिणाम है कि मैं आपके प्रीतिभोज में शामिल होने के योग्य पाया गया हूं। राष्ट्रपति ने पत्र का जवाब देते हुए लिखा कि राष्ट्रपति तो कई आएंगे, जाएंगे, लेकिन शिक्षिका के सम्मान समारोह में जाने का अवसर जीवन में दोबारा नहीं मिलेगा। मेरी तरफ से भी आप अपनी शिक्षिका को शुभकामनाएं दे दीजिएगा। आपका फैसला पूरी तरह सही है और मैं आपकी भावना का कद्र करता हूं। पत्र पाकर मिनेचर खुशी से नाच उठे।
-अशोक मिश्र
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