खून को पतला करने वाली एक सामान्य दवा सांप के काटने(Snake Bite Medicine: ) के इलाज के लिए एक संभावित सस्ता उपाय हो सकती है। आस्ट्रेलिया स्थित सिडनी विश्वविद्यालय से संबद्ध लेखक ग्रेग नीली ने कहा कि हेपेरिन नामक दवा कोबरा के काटने से होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम कर सकती है और यह जहर फैलने की गति को धीमा भी कर सकती है, जिससे जीवित रहने की दर में सुधार हो सकता है।
Snake Bite Medicine: विभिन्न तरीकों की पहचान की
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, वर्तमान सर्प विष रोधी उपचार सर्पदंश वाली जगह पर ऊतकों और कोशिकाओं के निष्क्रिय होने का प्रभावी समाधान नहीं करता जिसका परिणाम कभी-कभी अंग विच्छेद के रूप में निकलता है। मानव जीन को संशोधित करने के लिए आरआईएसपीआर प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए टीम ने उन विभिन्न तरीकों की पहचान की जिनसे कोबरा के जहर को रोका जा सकता है।
Snake Bite Medicine: हेपरिन है प्रभावी दवा
अनुसंधानकर्ताओं ने हेपरिन सहित रक्त को पतला करने वाली दवाओं का उपयोग किया और मानव कोशिकाओं तथा चूहों पर परीक्षण के बाद पाया कि वे कोबरा के काटने से होने वाले ऊतक एवं कोशिका क्षय को रोकने में सक्षम हैं। अध्ययन रिपोर्ट ‘साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन’ पत्रिका में प्रकाशित हुई है। सिडनी विश्वविद्यालय के प्रमुख लेखक तियान डू ने कहा कि सफल मानव परीक्षणों के बाद (हेपरिन दवा) को कोबरा के काटने के इलाज के लिए एक सस्ती, सुरक्षित और प्रभावी दवा बनाने के लिए अपेक्षाकृत तेजी से पेश किया जा सकता है।
मौत होने पर यूपी में मिलती है सहायता राशि
करैत कोबरा, रसेल वाइपर और सा स्केल वाइपर जैसे जहरीले सांप भारत में पाए जाते हैं, जिनके काटने से मौत भी हो सकती है।अगर हम सिर्फ उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां हर साल करीब 12 हजार लोगो का जान सिर्फ सांप के काटने से होती है।सांप के काटने से मौत होने पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से राज्य आपदा के तहत चार लाख की सहायता राशि भी दी जाती है
हर साल 1.38 लाख लोगों की साप के काटने से होती है मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में हर साल लगभग 45-54 लाख लोग सर्पदंश की चपेट में आते हैं जिनमें से करीब 1.38 लाख लोगों की जटिलताओं के कारण मौत हो जाती है।