बेनजीर हाशमी, फरीदाबाद। हरियाणा के अंदर विधानसभा चुनाव की बिसात सजनी शुरू हो गई है। पूरे प्रदेश में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधे मुकाबले को इनेलो बसपा गठबंधन तथा अन्य राजनीतिक पार्टियां व गठबंधन त्रिकोणीय व चौकोना मुकाबला बनाने में लगे हैं। कुछ इसी तर्ज पर तिगांव विधानसभा में इस बार चुनवी मुकाबला रोचक हो सकता है पिछले तीन विधानसभा चुनाव (15 साल) से तिगांव में जहां आमने सामने का चुनाव होता रहा है, 2024 का चुनाव तिकोना होता दिख रहा है । भारतीय जनता पार्टी ने राजेश नागर को तीसरी बार टिकट दिया है। काग्रेंस ने ललित नागर का टिकट काट कर नए चेहरे रोहित नागर पर टिकट देकर भरोसा जताया है। आम आदमी पार्टी ने आभास चंदीला को चुनावी मैदान में उतारा है। काग्रेंस से टिकट कटने के बाद ललित नागर निर्दलीय चुनाव मैदान में है तो गिर्राज शर्मा भी एक बार फिर निर्दलीय चुनाव लड़ है।
हर चुनाव में बदल गया विधायक का चेहरा
तिगांव विधानसभा सीट वर्ष 2007 के परिसीमन में अस्तित्व में आई तथा वर्ष 2009 में पहला चुनाव हुआ। 2009 में हुए पहले चुनाव में कृष्ण पाल गुर्जर भाजपा के विधायक बने तथा उन्होंने कांग्रेस के ललित नागर को हराया। 2014 के लोकसभा चुनाव में कृष्णपाल गुर्जर को भाजपा ने लोकसभा का टिकट दिया तथा वे सांसद बन गए। 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने राजेश नागर को टिकट दिया, राजेश नागर के सामने काग्रेंस ने एक बार फिर ललित नागर तो टिकट दिया । ललित नागर इस चुनाव में राजेश नागर को हराकर विधायक बने थे। वर्ष 2019 में एक फिर बीजेपी ने राजेश नागर पर भरोसा जताया तो उनके सामने कांग्रेस ने ललित नागर को टिकट दिया। 2019 के चुनाव में ललित नागर चुनाव हार गए और राजेश नागर विधायक बने। 2024 में कौन विधायक बनेगा यह आठ अक्टूबर को पता चल जाएगा।
पहले भी काटा है ललित नागर का टिकट
ऐसा पहली बार नही है जब ललित नागर का टिकट काटा गया हो। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में भी ललित नागर को काग्रेस पार्टी ने चुनाव लड़ाने को कहा था तथा लोकसभा का टिकट दिया था। ललित नागर उस समय लोकसभा का टिकट मिलने के बाद चुनाव प्रचार में लगे थे कि लगभग एक सप्ताह बाद उनका टिकट काटकर अवतार सिंह भडाना को दे दिया गया। अवतार सिंह भड़ाना 2019 के लोकसभा चुनाव में कृष्ण पाल गुर्जर से बुरी तरह हार गए थे।