Wednesday, March 12, 2025
31.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiविधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमाने की तैयारी में यूपी के दल

विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमाने की तैयारी में यूपी के दल

Google News
Google News

- Advertisement -

चुनाव तिथि की घोषणा के बाद से ही पूरा हरियाणा कुरुक्षेत्र बना हुआ है। वैसे चुनावी तैयारियां तो बहुत पहले से ही चल रही थीं, लेकिन जैसे ही चुनाव आयोग ने मतदान की घोषणा की, सभी राजनीतिक दल अपने-अपने अस्त्र-शस्त्र लेकर मैदान में कूद पड़े। प्रदेश के राजनीतिक दलों ने अभी चुनावी कवायद शुरू ही की थी, उत्तर प्रदेश के कुछ राजनीतिक दलों ने हरियाणा में भी अपनी कवायद शुरू कर दी। भाजपा-कांग्रेस सकते में आ गए। प्रदेश में राजनीतिक रूप से हाशिये पर आ गए इंडियन लोकदल ने आजाद समाज पार्टी से गठबंधन कर लिया और चंद्रशेखर की आसपा को बीस सीटों पर लड़ने का मौका दिया है। बाकी सीटों पर इनेलो अपने प्रत्याशी उतारेगी।

जजपा क्यों पीछे रहती, उसने भी कभी उत्तर प्रदेश की राजनीति में सबसे ज्यादा धमक रखने वाली पार्टी बसपा से तालमेल कर लिया और उसे 34 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करने की छूट दी है। आम आदमी पार्टी भी हरियाणा में अपना भाग्य आजमाने की तैयारी में है। पिछले काफी दिनों से आम आदमी पार्टी प्रदेश में जगह-जगह जनसभाएं करके मतदाताओं से कई तरह के लुभावने वायदे करके रिझाने की कोशिश कर रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की नामौजूदगी में उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने हरियाणा में प्रचार प्रसार का जिम्मा संभाल रखा है। उनका साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान और अभी कुछ दिनों पहले जेल से जमानत पर बाहर आए मनीष सिसोदिया दे रहे हैं। आप ताबड़तोड़ रैलियां और जनसभाएं कर रही है।

विधानसभा चुनाव में आरएलडी ने भी उतरने का मन बना लिया है। एनडीए गठबंधन में शामिल आरएलडी को भाजपा दो से तीन सीटें दे सकती है। बसपा, आरएलडी, आप, आजाद समाज पार्टी जहां विधानसभा चुनाव के लिए अपने पर तौल रही थीं, वहीं अब समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से पांच सीटों पर अपनी दावेदारी जता दी है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सपा ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को जिस तरह करारा झटका दिया है, उसी तर्ज पर हरियाणा में भी सपा अपना विस्तार चाहती है। उत्तर प्रदेश के राजनीतिक दलों को हरियाणा में अपने विस्तार की काफी संभावनाएं दिख रही हैं। हरियाणा और उत्तर प्रदेश की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परिस्थितियां लगभग समान हैं।

हरियाणा में उत्तर प्रदेश से आई एक बड़ी आबादी रहती है। इन प्रवासियों और स्थानीय लोगों के भरोसे वह प्रदेश में अपनी जड़ें जमाने की कोशिश विधानसभा चुनाव के माध्यम से करने का प्रयास कर रही हैं। भाजपा और कांग्रेस से उत्तर प्रदेश के जिन दलों का गठबंधन है, यदि उनको छोड़ दिया जाए, तो बाकी गठबंधन की स्थिति वोट कटवा से अलग कुछ नहीं है।

-संजय मग्गू

लेटेस्ट खबरों के लिए क्लिक करें : https://deshrojana.com/

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

Haryana local body election result : हथीन में भी खिला कमल, बीजेपी की रेणु लता 1263 वोटों से जीती

हथीन। नगर पालिका के चेयरपर्सन के चुनाव में BJP प्रत्याशी रेणु लता विजयी रहीं।  उन्होंने   पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ीं आभा रविन कुमार...

होली से पहले सीएम योगी ने 1.86 करोड़ परिवारों को दिया बड़ा तोहफा

- उज्ज्वला योजना के तहत सब्सिडी के रूप में सीधे बैंक खातों में भेजी गई 1890 करोड़ रुपए की धनराशि**- लखनऊ में मुख्यमंत्री ने...

Recent Comments