हम लोगों ने अपने बड़े-बुजुर्गो को अक्सर ये कहते सुना है कि paani खूब पीयो, शरीर में paani की कमी नहीं होनी चाहिए,क्योंकि कम paani पीओगे तो कई बीमारियां हो सकती है। तो क्या ये बात सही है क्या हमें स्वस्थ रहना है तो paani ज्यादा पीना चाहिए। आजकल ये सवाल सभी के जहन में उठ रहा है। सवाल उठने का कारण है— किसी की मौत और वो भी ज्यादा paani पीने से।
दसअसल हाल ही में एक शोध हुआ और उसमें ये कहा गया कि मार्शल आर्ट्स के किंग ब्रूसली की मौत जरूरत से ज्यादा paani पीने से हो गई। इस शोध ने सभी को हैरानी और परेशानी में डाल दिया क्योंकि आमतौर पर ये ही कहा जाता है कि ज्यादा paani पीजिए क्योंकि सेहत के लिए सही रहता है। हालांकि अब तक ये ही कहा जा रहा था कि ब्रूस ली की मौत की वजह स्लो पॉयजन से हुई है,जिससे उनकी किडनी डैमेज हो गई थी।
लेकिन जो रिसर्च हुआ है उससे ये साफ हो गया कि ज्यादा paani पीना ही असली वजह थी मौत की। तो अब सवाल ये उठता है कि हमें क्या ज्यादा paani पीना चाहिए और नहीं पीना चाहिए तो कोई मात्रा तो फिक्स होगी कि हमारे शरीर को कितने paani की आवश्यकता है।
हालांकि ऐसे कई रिसर्च तो हुए लेकिन कोई पुख्ता आकंड़े सामने नहीं आए कि कब कितना paani पीना चाहिए। लेकिन ये तो आपके स्वास्थ्य के साथ कई ऐसी बातों पर भी निर्भर करता है जैसे की आप कहां रहते है, वहां का तापमान,जलवायु कैसी है।
ऐसा तो माना जाता है कि आप जरूरत से ज्यादा paani पीने लगते है तो किडनी पर एक्स्ट्रा बर्डन आ जाता है। बॉडी के दूसरे पाटर्स भी इसका असर पड़ता है। साइंटिस्टों के रिसर्च से जानते है कि ज्यादा paani पीने से बॉडी में क्या प्रोसेस होता है और उसका क्या रिजल्ट निकलता है।
क्या ज्यादा paani पीना चाहिए और पी लिया तो कहीं से जानलेवा तो साबित तो नहीं होगा। लेकिन ये तो माना जाता है कि हायपोनाट्रेमिया नाम की समस्या पैदा होती है। आसान सी भाषा में समझें तो paani हमारी बॉडी में उन्माद पैदा कर देता है। paani ज्यादा पीना चाहिए ये सेहत के लिए अच्छा होता है लेकिन कितना ये सवाल बड़ा है। क्योंकि ये तो व्यक्ति के शरीर, उसके आसपास का वातावरण आदि बातों पर निर्भर करता है। ज्यादा paani पीना क्यों नुकसानदायक है,हायपोनाट्रेमिया क्या है— क्यो ज्यादा paani किडनी को नुकसान पहुंचाता है— आइए जानते है–
अगर कम वक्त में ज्यादा paani पी लेंगे तो वो नुकसान पहुंचाएगा।जरूरत से ज्यादा paani पी लेने पर जो आप महसूस करते है, हायपोनाट्रेमिया एक इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन है,आमतौर पर शरीर में जो खून बनता है, वो 135 से 145 एमईक्यू प्रति लीटर सोडियम की मात्रा होती है।खून में सोडियम का होना बहुत जरूरी होता है। ज्यादा paani पी लेने से खुन में सोडियम की मात्रा घट जाती है जो हानिकारक है ये जानलेवा भी साबित हो सकती है। और तब किडनियां ज्यादा paani को प्रोसेस में नहीं ले पाती है। किडनियों से न छन पाने के कारण ये paani खून में शामिल होकर खून को पतला करने लगता है। खून के साथ ही ये कोशिकाओं में शामिल हो जाता है। जिससे सूजन के लक्षण दिखाई देते है और दिमाग को जानलेवा खतरा भी पैदा हो सकता है।
हायपोनाट्रेमिया से पहले एक प्रॉब्लम और होती है,जो ओवरहाइड्रेशन कहलाती है। ज्यादा paani पी लेने से आपके शरीर के तापमान,अपशिष्ट निष्कासन और अपच जैसे लक्षण दिखाई देते है तो ये ओवरहाइड्रेशन ही माना जाता है। ओवरहाइड्रेशन के बाद ही हायपोनाट्रेमिया की स्थिति पैदा होती है। और इलेक्ट्रोलाइट्स तेजी से ज्यादा मात्रा में घटने लगते है तो समझ लिए आपके हालात जानलेवा साबित हो सकते है। किसे कितना paani पीना चाहिए— औसतन एक दिन में पुरुषें को— 15 दशमलव पांच कप यानि तीन दशमलव सात लीटर तरल की जरूरत रोज होती है।
महिलाओं के लिए 11 दशमलव पांच कप यानि दो दशमलव सात लीटर द्रव की जरूरत होती है। ये जरूरत paani ,ब्रेवरेज और द्रवयुक्त खाने से पूरी होती है, रोज 20 फीसदी द्रव इनटेक खाने और बाकि paani या दूसरे द्रव्य पीने से आता है। वैसे तो कहा जाता है कि आठ गिलास paani जरूर पीना चाहिए,हालांकि कुछ लोग पीते है और कुछ लोगों को जितनी जरूरत होती है उतना पीते है। अगर आप योगा, एक्सरसाइज या कोई भी शारीरिक काम ज्यादा करते है तो आपको एक्स्ट्रा paani पीते रहना चाहिए। अगर आप ऐसी जगह पर है जहां का तापमान गर्म या उमस वाला है और आपका पसीना ज्यादा निकल रहा है तो आपको paani ज्यादा पीना चाहिए। जब आपको बुखार या उल्टी-दस्त हो जाए तो डॉक्टर की सलाह पर ज्यादा paani पीना चाहिए।
paani पीने के फायदे—
कहा जाता है जल ही जीवन है, जिंदा रहने के लिए हमें paani की बहुत ज्यादा जरूरत है।हर किसी को paani की जरूरत है,paani हर किसी की बॉडी का मैन पार्ट है, हमारी बॉडी का वैट पचास से सत्तर फीसदी paani ही होता है। श रीर की हर कोशिका, टिश्यू और ऑर्गन को भरपूर मात्रा में paani की जरूरत होती है,paani शरीर में शोधन का काम भी करता है, शरीर को जिस paani की जरूरत नहीं होती है उसे वो वेस्ट वॉटर के तौर पर मूत्र या दूसरे तरीकों से बाहर निकालता रहता है।
paani शरीर के तापमान को मेंटेन करके रखता है।
संवेदनशील टिश्यूज की रक्षा करता है।
कम paani पीने से डिहाइड्रेशन हो सकता है,अगर आपके शरीर को नॉर्मल फंक्शन के लिए जितनी मात्रा में paani की जरूरत हो और आप ना पीएं तब ये स्थिति पैदा होती है।
शरीर के हर ज्वांइट और द्रव की जरूरत को पूरा रखता है paani ।
तो आपको ये समझना होगा कि जल ही जीवन है उसे बचाइए और जितनी मात्रा में आपके शरीर को जरूरत है उतना जरूर पीजिए औश्र कोई मुशिकल हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लिजिए।