अलवर जिले के कृषि विज्ञान केंद्र नौगांवा में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का 95 वां स्थापना दिवस मनाया गया जिसमें अलवर जिले के विभिन्न गांव से किसानों एवं कॉलेज के विद्यार्थियों ने भाग लिया । देश की कृषि में उन्नत तकनीकों प्रौद्योगिकियों के शोध विकास एवं किसानों ने इसकी व्यापक पहुंच प्रचार- प्रसार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली में स्थापना के 95 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में कृषि विज्ञान केंद्र नौगांव पर तीन दिवसीय तकनीकी दिवस भी मनाया गया ।
कृषि तकनीकी की जानकारी देने हेतु कृषि विज्ञान केंद्र पर प्रदर्शनी आयोजित की गई जिसमें चार्ट बैनर , उन्नत किस्मों के बीज , प्याज भंडारण मॉडल , मधुमक्खी पालन मॉडल , मोटे अनाजों के बीज , दलहन के बीज , वर्मी कंपोस्ट खाद , प्राकृतिक खेती की जानकारी , बकरी पालन में सिरोही नस्ल का प्रदर्शन , गाय की गिर नस्ल का प्रदर्शन , पशु चारे की एजोला इकाई का प्रदर्शन आदि की जानकारी दी एवं किसानों को तकनीकी क्षेत्र में संबल प्रदान करने हेतु प्रोत्साहित किया गया ।
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ सुभाष चंद्र यादव ने जिले की मुख्य फसलों के बारे में जानकारी साझा करते हुए रोग एवं कीट के प्रबंधन पर जोर दिया। डॉ सुमन खंडेलवाल अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय नौगावा ने कृषि के बढ़ते कदम के पीछे वैज्ञानिक एवं किसानों की मेहनत की सराहना की साथ ही केंद्र के डॉ विकास आर्य ने पशुपालन बकरी पालन मुर्गी पालन को युवाओं को व्यवसाय की तरह अपनाने पर जोर दिया । वहीं केंद्र के डॉ हंसराम माली ने बीज उपचार फसलों की केंद्र पर रबी के मौसम में विक्रय हेतु उपलब्ध बीजों की जानकारी दी।
केंद्र के निक्रा परियोजना में वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता पुष्कर देव ने बदलते मौसम में कृषि कार्यों के प्रबंधन , वर्षा जल के एकत्रीकरण , वर्षा से संबंधित पूर्वानुमान की सूचना की जानकारी दी। इस दौरान महाविद्यालय के शिक्षकगण डॉ रामू मीना ने मिट्टी जांच हेतु नमूना लेने और उर्वरक की संतुलित मात्रा प्रयोग करने हेतु किसानों को जानकारी दी। डॉ इंदुबाला सेठी ने फसल प्रबंधन के बारे में बताया। इस कार्यक्रम में गांव – चौमा, अलावड़ा, मानकी, गुर्जरपुर खुर्द, चंडीगढ़, कानोर, रामगढ़, नौगांवा के 200 से अधिक किसानों एवं महिला कृषकों , स्वयं सहायता समूह एवम चौमा के सरपंच और विद्यार्थी उपस्थित रहे , यह कार्यक्रम 3 दिन तक आयोजित किया गया।