Vijaya Ekadashi 2024 : शास्त्रों के अनुसार श्रृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु से जुड़े सभी व्रतों में से एकादशी का व्रत सबसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। हिन्दू धर्म में प्रत्येक एकादशी का अपना अपना महत्व है लेकिन इनमें सबसे सर्वश्रेष्ठ विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi) को माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। हिन्दू धर्म में इस दिन व्रत रखने का बहुत महत्व माना गया है।
माना जाता है कि इस दिन जो व्यक्ति व्रत रखता है उसके ऊपर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेव कृपा दृष्टि होती है। फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi) के रूप में मनाया जाता है। इस बार विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi) 06 मार्च को पड़ रही है। आइए जानते हैं विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi) व्रत के शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में…
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विजया एकादशी का महत्व
विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi) का व्रत करने वालों को जीवन की हर बाधा पर विजय प्राप्त करने में सफलता मिलती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्राचीन काल में इसी व्रत के प्रभाव से राजा-महाराजा अपनी निश्चित हार को भी जीत में बदल लेते थे। इसी के साथ भगवान राम ने भी लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए इसी एकादशी का व्रत किया था। जिसके प्रभाव से रावण का वध हुआ और भगवान राम को विजय की प्राप्ति हुई। इस व्रत का महत्व पद्म पुराण और स्कंद पुराण में भी बताया गया है। ज्योतिष दृष्टि से देखा जाए तो इस व्रत से चन्द्रमा के हर अशुभ प्रभाव को रोका जा सकता है, इसके अलावा ग्रहों के बुरे प्रभाव को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है।
विजया एकादशी व्रत का मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi) तिथि की शुरुआत 6 मार्च 2024 को सुबह 6 बजकर 31 मिनट पर और समाप्ति अगले दिन 7 मार्च को 4 बजकर 14 मिनट पर होगी। हालांकि उदया तिथि के अनुसार 6 मार्च को ही एकादशी का व्रत रखा जाएगा। विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi) व्रत पारण का समय 7 मार्च को दोपहर 01 बजकर 09 मिनट से 04 बजकर 04 मिनट तक रहेगा।
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