इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) दुनिया की सफलतम लीगों में शामिल है। हाल ही में इसे डेकाकॉर्न घोषित किया गया है। यानी आईपीएल सफलता के नित नए आयाम गढ़ रहा है। टी-20 लीग की सफलता को देखते हुए बीसीसीआई अब टी-10 फ्रेंचाइजी लीग लाने की योजना बना रहा है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड टी-10 लीग लॉन्च करने की तैयारी में लगा है। खबर है कि बीसीसीआई के सचिव जय शाह इस नई लीग का खाका तैयार कर रहे हैं। यह अगले साल सितंबर और अक्टूबर के बीच के समय में खेला जा सकता है।
टी-20 (IPL) की सफलता से टी-10 की राह
मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई टीयर-2 क्रिकेट लीग के लिए टी-10 प्रारूप पर विचार कर रहा है। जिस तरह टी-20 (IPL) क्रिकेट की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है, उसी तरह टी-10 क्रिकेट भी भारत में सफल साबित हो सकती है। इस पर 2024 की शुरुआत में बड़ा फैसला किया जा सकता है। इस लीग के विचार को संभावित प्रायोजकों सहित हितधारकों से पूरा समर्थन मिल रहा है।
किन-किन सवालों का जवाब तलाश रहा बीसीसीआई
लीग में खिलाड़ियों के लिए आयु सीमा क्या होगी?
नई लीग के लिए फ्रेंचाइजी को किन-किन प्रक्रियाओं से गुजरना होगा?
प्रस्तावित टूर्नामेंट कहां खेला खेला जाएगा?
क्या मौजूदा फ्रेंचाइजी को मिलेगा मौका ?
इस लीग को लेकर एक बड़ा सवाल यह भी है कि बीसीसीआई टी-10 लीग के लिए किन-किन फ्रेंचाइजियों को मौका देगी। जहां तक BCCI और IPL फ्रेंचाइजी मालिकों के बीच मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट का सवाल है, तो यह समझा जाता है कि फ्रेंचाइजी के पास किसी भी बिजनेस मॉडल को पहले इनकार करने का अधिकार है। ऐसा माना जा रहा है कि बोर्ड इसे ही बरकरार रख सकता है। बता दें कि IPL में इस समय कुल 10 टीमें हिस्सा लेती हैं और इसके आयोजन में लगभग 2 महीने का समय लग जाता है।
अबुधाबी टी-10 लीग की सफलता से आया विचार
हाल के दिनों में कई देशों में टी-10 लीग आयोजित की जा रही है। इसमें से अबुधाबी में होने वाली टी-10 लीग सर्वाधिक लोकप्रिय है। इस लीग के 7 संस्करण खेले जा चुके हैं। इसमें कई अंतरराष्ट्रीय और पूर्व खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। हाल ही में दिसंबर 2023 में इसके 7वें संस्करण का फाइनल खेला गया था, जिसमें न्यूयॉर्क स्ट्राइकर्स विजेता बनी थी।
डेकाकॉर्न बनी है आईपीएल
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने हाल ही में दुनिया की चुनिंदा डेकाकॉर्न की लिस्ट में शामिल होकर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल कर लिया है। यह एक ऐसा दर्जा है जो बहुत कम भारतीय स्टार्टअप के पास है। ब्रांड फाइनेंस की एक रिपोर्ट के अनुसार, आईपीएल के मूल्यांकन में 28% की वृद्धि देखी गई, जो पिछले वर्ष के 8.4 बिलियन डॉलर से बढ़कर वर्तमान 10.7 (करीब 90 हजार करोड़ रुपये) बिलियन डॉलर हो गई।