गाजियाबाद पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो वर्षों पहले खोए हुए बेटे के रूप में कई परिवारों के साथ रह चुका था। आरोपी ने विभिन्न नामों से खुद को एक लापता बेटे के रूप में पेश किया और उसके बाद कई परिवारों के विश्वास को धोखा दिया। इस मामले में पुलिस ने गहन जांच के बाद आरोपी की पहचान इंद्रराज (Indraraj) के रूप में की है और उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके आपराधिक इतिहास का भी खुलासा हुआ है।
यह घटना 24 नवंबर, 2024 को हुई, जब आरोपी ने गाजियाबाद के खोड़ा पुलिस थाने से संपर्क किया और दावा किया कि वह 30 साल पहले राजस्थान के जैसलमेर से अपहरण कर लाया गया था। उसने बताया कि उसे बंधक बना लिया गया था, लेकिन किसी तरह उसने अपनी जान बचाई और ट्रक के जरिए दिल्ली पहुंचा। इस दौरान, पुलिस ने आरोपी की पहचान को सत्यापित करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से उसकी तस्वीर जारी की।
इसी दौरान, गाजियाबाद के शहीदनगर क्षेत्र के तुलाराम ने आरोपी को अपने खोए हुए बेटे भीम सिंह उर्फ पन्नू के रूप में पहचान लिया। इसके बाद आरोपी को पुलिस ने तुलाराम के हवाले कर दिया। हालांकि, तुलाराम को आरोपी के व्यवहार पर शक हुआ क्योंकि वह उसके खोए हुए बेटे जैसा व्यवहार नहीं कर रहा था। तुलाराम ने इसे लेकर अपनी चिंता जाहिर की और 27 नवंबर को साहिबाबाद पुलिस से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वह व्यक्ति उनका बेटा नहीं हो सकता।
तुलाराम के शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी से गहन पूछताछ की। शुरुआत में, आरोपी अपनी पुरानी कहानी दोहराता रहा, लेकिन अंततः उसने सच्चाई बयां कर दी और अपनी असली पहचान इंद्रराज के रूप में बताई। उसने बताया कि वह राजस्थान के जैतसर का निवासी है। इंद्रराज (Indraraj) ने बताया कि वह बचपन से ही मामूली चोरी के मामलों में शामिल था और 2005 में उसके परिवार ने उसे घर से निकाल दिया था। इसके बाद, उसने विभिन्न नामों से चोरी करना शुरू किया और अलग-अलग परिवारों के बीच खुद को खोया हुआ बेटा बताकर रहता था।
फर्जी पहचान और अपराधों का खुलासा
इंद्रराज (Indraraj) ने बताया कि वह देहरादून, दिल्ली और राजस्थान में कई स्थानों पर फर्जी नामों से रहा। दिल्ली आने से चार महीने पहले वह देहरादून में आशा शर्मा के घर उनके बेटे के रूप में रह रहा था। उसने पंकज कुमार और राम प्रताप जैसे नामों से भी परिवारों के बीच रहकर धोखाधड़ी की।
इंद्रराज (Indraraj) के खिलाफ अब तक विभिन्न अपराधों की जानकारी मिल चुकी है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके आपराधिक इतिहास की जांच शुरू कर दी है। इंद्रराज के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है और यह मामला पुलिस की सफलता का एक उदाहरण बन चुका है, जिसने गहरी जांच के बाद आरोपी को पकड़ने में सफलता पाई।