Mathura refinery explosion: आगरा-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) की मथुरा रिफाइनरी में बीती रात भीषण विस्फोट हुआ, जिसमें कम से कम 10 लोग घायल हो गए। यह हादसा उस वक्त हुआ जब रिफाइनरी में टेस्टिंग के दौरान एबीयू प्लांट के फर्निश लाइन में अत्यधिक गर्मी के कारण अचानक विस्फोट हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विस्फोट इतना तेज था कि उसकी आवाज दूर-दूर तक सुनी गई, और आग की लपटें कई किलोमीटर दूर से दिखाई दे रही थीं।
Mathura refinery explosion: कैसे हुआ हादसा?
सूत्रों के अनुसार, यह घटना रात करीब 8.30 बजे हुई, जब मुख्य संयंत्र को डेढ़ महीने की बंदी के बाद पुनः शुरू किया जा रहा था। इस दौरान टेस्टिंग प्रक्रिया में फर्निश लाइन अत्यधिक गर्म हो गई, जिससे पाइप लाइन में आग लग गई और अंततः विस्फोट हो गया। एबीयू प्लांट के अंदर चल रही इस टेस्टिंग प्रक्रिया में काम कर रहे कर्मचारियों में से दस लोग आग की चपेट में आ गए। हादसे में घायल हुए दस लोगों में से चार की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है।
घायलों की स्थिति
हादसे में घायल कर्मचारियों को तुरंत उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया। रिफाइनरी प्रशासन ने गंभीर रूप से घायल हरिशंकर, इरफान, अजय शर्मा और राजीव कुमार को मथुरा सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। हालांकि, उनकी हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें दिल्ली के मेट्रो हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया। अन्य घायलों का स्थानीय अस्पतालों में उपचार जारी है, लेकिन उनकी स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है।
घटना के तुरंत बाद, रिफाइनरी क्षेत्र में दमकल विभाग की टीम और सुरक्षा कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंचे और आग पर काबू पाने का प्रयास किया। कई घंटों की मशक्कत के बाद आग को नियंत्रित किया जा सका, जिससे और अधिक नुकसान होने से बचाया जा सका। हालांकि, इस घटना ने रिफाइनरी प्रशासन और सुरक्षा उपायों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना के बाद, रिफाइनरी प्रशासन या जिला अधिकारियों की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। पुलिस प्रशासन ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंचीं और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में सहयोग किया। रिफाइनरी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर सोनू कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि जांच शुरू कर दी गई है, और जल्द ही घटना के कारणों का पता लगाया जाएगा।
सुरक्षा उपायों पर सवाल
मथुरा रिफाइनरी में पहले भी सुरक्षा उल्लंघनों की शिकायतें सामने आती रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि रिफाइनरी में नियमित मेंटेनेंस और टेस्टिंग के दौरान सुरक्षा मानकों का पूरी तरह पालन किया जाना चाहिए, ताकि इस तरह के हादसों को टाला जा सके। रिफाइनरी प्रशासन द्वारा शटडाउन के दौरान प्लांट में खराब उपकरणों की मरम्मत और टेस्टिंग का काम चल रहा था, लेकिन सुरक्षा उपायों में चूक के चलते यह हादसा हो गया। मथुरा रिफाइनरी में हुए इस हादसे ने कर्मचारियों की सुरक्षा और रिफाइनरी में अपनाए जाने वाले मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि वह जल्द से जल्द इस मामले में जांच कर आवश्यक कदम उठाएगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।