Poland Farmers Protest : पोलैंड के किसानों ने गुरुवार को पश्चिमी शहर ब्रोकला में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने यूरोपीय संघ कार्यालय पर अंडे भी फेंके। आगजनी की और ईयू ग्रीन डील के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। यूरोपीय देशों में किसान पिछले कई दिनों से ट्रैक्टरों के साथ सड़कों पर हैं।
पूरे यूरोप में किसान जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए यूरोपीय संघ द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का विरोध कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि पाबंदियों के कारण खेती की लागत बढ़ रही है और मुनाफा कम हो रहा है। पड़ोसी यूक्रेन में युद्ध का पोलैंड के किसानों पर भी गंभीर प्रभाव पड़ा है।
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एक हजार किसान 500 ट्रैक्टरों के साथ सड़कों पर
गुरुवार के विरोध प्रदर्शन में करीब एक हजार किसान 500 ट्रैक्टरों और अन्य कृषि वाहनों के साथ सड़कों पर उतरे। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में किसानों को पोलिश झंडे, बैनर और, कुछ मामलों में, फ़्लायर्स लेकर सड़कों पर मार्च करते हुए देखा गया है। किसान क्षेत्रीय सरकारी मुख्यालय के सामने एकत्र हुए जहां उन्होंने टायरों में आग लगा दी, जिससे पूरा इलाका धुएं से भर गया।
क्यों कर रहे हैं यूरोपीय किसान विरोध प्रदर्शन?
पोलैंड के किसान विशेष रूप से यूक्रेन से सस्ते खाद्य आयात का विरोध कर रहे हैं। मसलन, सरकार स्थानीय किसानों से अनाज खरीदने के बजाय पड़ोसी यूक्रेन से सस्ते में आयात करती है। यही वजह है कि किसान पिछले शुक्रवार से 30 दिन की हड़ताल पर हैं। इस बीच यूक्रेन से सटी कुछ सड़कों को भी किसानों ने ब्लॉक कर दिया है।
किसानों ने सीमाएं सील करने की दी चेतावनी
पोलिश किसानों ने यूक्रेन के साथ सभी सीमा क्रॉसिंगों की पूर्ण नाकाबंदी और 20 फरवरी को राजधानी वारसॉ में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। किसानों ने न केवल यूक्रेन की सीमाएं बल्कि कम्यूनिकेशन सेंटर, ट्रांसशिपमेंट, रेलवे स्टेशनों और समुद्री बंदरगाहों भी सील करने की चेतावनी दी है। यूरोपीय किसान पूर्व घोषित ‘स्टार मार्च’ में एक ही दिन सभी दिशाओं से वारसॉ पहुंचेंगे। चेक गणराज्य के किसान भी 22 फरवरी को मध्य और पूर्वी यूरोप के किसानों के साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे और देश की सीमाओं को सील कर देंगे।
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