खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की कथित हत्या से उपजा भारत-कनाडा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच, भारत में कनाडा के पूर्व राजदूत कैमरून मैके ने दावा किया है कि खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की असफल कोशिश और हरदीप सिंह निज्जर की हत्या एक ही साजिश का हिस्सा हैं। मैके ने एक इंटरव्यू में कहा कि ये साजिशें दिल्ली से शुरू हुईं, जिनका उद्देश्य उत्तरी अमेरिका, खासकर कनाडा और अमेरिका में कई लोगों को निशाना बनाना था।
मैके ने बताया कि अमेरिका की अदालत में एक भारतीय एजेंट के खिलाफ लगाए गए आरोप इस साजिश की पूरी तस्वीर पेश करते हैं। उन्होंने कहा कि यह भारत सरकार की बड़ी विफलता थी कि उसने यह सोचा कि वह कनाडा और अमेरिका में अपराध करके बच जाएगी। इसी बीच, भारत ने कनाडा के प्रभारी राजदूत स्टीवर्ट व्हीलर और अन्य पांच राजनयिकों को निष्कासित कर दिया, जिसके बाद ये राजनयिक दिल्ली से वापस लौट गए हैं।
भारत ने यह कार्रवाई तब की, जब कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया। भारत ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि निज्जर भारत में एक घोषित आतंकवादी था।
मैके ने यह भी कहा कि निज्जर की हत्या और पन्नू पर हमले के प्रयास के बीच सीधा संबंध है। उन्होंने बताया कि यह साजिश एक व्यापक योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य दिल्ली से कई लक्ष्यों को निशाना बनाना था। इस बीच, अमेरिका ने भारतीय अधिकारी विकास यादव पर पन्नू की हत्या की कोशिश में शामिल होने का आरोप लगाया है। भारत ने इस मामले की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है।
कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पहले यह आरोप लगाया था कि भारतीय एजेंटों का निज्जर की हत्या में हाथ हो सकता है, जिसे भारत ने खारिज कर दिया था। ट्रूडो ने दावा किया कि उनकी सरकार के भारत सरकार से बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला और कनाडाई पुलिस की जांच के अनुसार भारत सरकार के एजेंटों ने कनाडा की सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा किया है।