रूस-यूक्रेन युद्ध में एक नया मोड़ आ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन को रूस पर हमले के लिए अमेरिका से सप्लाई की गई मिसाइलों के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। यह निर्णय युद्ध के स्वरूप को पूरी तरह बदल सकता है।
अमेरिका लगातार यूक्रेन को सैन्य सहायता प्रदान कर रहा था, लेकिन मिसाइलों के इस्तेमाल की अनुमति पहली बार दी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय युद्ध की तीव्रता को बढ़ा सकता है और रूस के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है। दूसरी ओर, रूस को उत्तर कोरिया से समर्थन मिलने से स्थिति और जटिल हो गई है। उत्तर कोरिया ने रूस में हजारों सैनिक भेजे हैं जिससे युद्ध का मैदान और भी खतरनाक हो गया है।
विनाशकारी हथियारों का खतरा
इस नए फैसले के बाद दोनों देशों द्वारा घातक हथियारों के इस्तेमाल की आशंका बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ऐसा होता है तो युद्ध और अधिक विनाशकारी हो सकता है। अमेरिका के नए निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करने की बात कही है। ट्रंप का मानना है कि अमेरिका को इस युद्ध में अपनी भूमिका को कम करना चाहिए और यूक्रेन को दी जा रही सहायता को सीमित करना चाहिए। बाइडन के इस फैसले के बारे में अधिक जानकारी साझा नहीं की गई है। अमेरिकी अधिकारियों ने इस मामले पर सार्वजनिक रूप से चर्चा करने से इनकार कर दिया है।
यह युद्ध न केवल रूस और यूक्रेन बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस युद्ध के परिणामों का वैश्विक स्तर पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय युद्ध के स्वरूप को पूरी तरह बदल सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप प्रशासन इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है। यह कहना मुश्किल है कि यह युद्ध कहां जाकर रुकेगा। लेकिन एक बात तो तय है कि यह युद्ध दोनों देशों और पूरे विश्व के लिए एक बड़ी चुनौती है।