Monday, December 23, 2024
14.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeLATESTChina Hackers: साल्ट टाइफून ग्रुप ने ट्रंप, कमला हैरिस के गैजेट्स में...

China Hackers: साल्ट टाइफून ग्रुप ने ट्रंप, कमला हैरिस के गैजेट्स में सेंध लगाई

Google News
Google News

- Advertisement -

चीन के हैकर्स पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के संचार उपकरणों में सेंध लगा दी है। इस समूह ने अमेरिकी टेलीकॉम सेक्टर की कई कंपनियों को भी निशाना बनाया है। अब अमेरिका की जांच एजेंसियां इस हमले के परिणामों का आकलन करने में जुटी हैं। इन हैकर्स के समूह को “साल्ट टाइफून” नाम दिया गया है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इन हैकर्स ने टेलीकॉम सेक्टर के संवेदनशील डेटा और संचार नेटवर्क में सेंध लगाई है।

ट्रंप और कमला हैरिस के साथ टेलीकॉम कंपनियों का डेटा हैक किया गया

रिपोर्ट्स के अनुसार, साल्ट टाइफून ने न केवल ट्रंप और कमला हैरिस को निशाना बनाया, बल्कि उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार टिम वाल्ज और जेडी वेंस के डेटा को भी हैक करने की कोशिश की। इसके अलावा, टेलीकॉम सेक्टर की कंपनियों की हैकिंग को चीन की खुफिया जानकारी जुटाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिकी टेलीकॉम कंपनी वेरिज़ोन की हैकिंग का उद्देश्य संवेदनशील खुफिया जानकारी इकट्ठा करना था। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि हैकर्स अपने मकसद में सफल हुए या नहीं, और अमेरिकी एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं।

साल्ट टाइफून क्या है?

“साल्ट टाइफून” नाम चीन के हैकर्स के इस समूह को माइक्रोसॉफ्ट की साइबर सुरक्षा टीम ने दिया है। यह समूह चीन सरकार द्वारा वित्तपोषित है और इसका फोकस पारंपरिक हैकिंग या कॉर्पोरेट डेटा चुराने के बजाय खुफिया जानकारी चुराने पर है। यही कारण है कि इसे “साल्ट” नाम दिया गया है। माइक्रोसॉफ्ट ने इसी तरह ईरान के हैकर्स को “सैंडस्टॉर्म,” रूस के हैकर्स को “ब्लिजार्ड,” और चीन के हैकर्स को “टाइफून” नाम दिया है।

साल्ट टाइफून का प्राथमिक लक्ष्य अमेरिकी संपत्तियों और संस्थानों से खुफिया जानकारी इकट्ठा करना है। इस संबंध में, साल्ट टाइफून ने प्रमुख राजनीतिक हस्तियों और उनके कर्मचारियों के साथ-साथ सरकारी अधिकारियों के संचार उपकरणों में सेंध लगाई है। एफबीआई और साइबर सुरक्षा एवं इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षा एजेंसी (CISA) ने इस खतरे की गंभीरता को देखते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया है, जिसमें पुष्टि की गई है कि अमेरिकी सरकारी एजेंसियां चीन से जुड़े हैकर्स के निशाने पर हैं।

एफबीआई और CISA ने अपने बयान में कहा कि साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। जांच एजेंसियों को चिंता है कि साल्ट टाइफून महत्वपूर्ण मेटाडेटा प्राप्त करने में सफल हो गया हो, जिससे खुफिया तरीके से महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की जा सकती है। उदाहरण के लिए, मेटाडेटा से कॉल पैटर्न, समय और आवृत्तियों के आधार पर संचार चैनलों में सुरक्षा कमजोरियों का पता लगाया जा सकता है। चीनी खुफिया एजेंसियां इस डेटा का उपयोग अमेरिका के चुनाव और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं की जानकारी जुटाने के लिए कर सकती हैं।

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

surjewala pegasus:सुरजेवाला ने पेगासस मामले में उच्चतम न्यायालय से जांच की मांग की

कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला(surjewala pegasus:) ने रविवार को यह दावा किया कि अमेरिका में पेगासस स्पाइवेयर से संबंधित हालिया फैसले से यह साबित हो...

employment fair:प्रधानमंत्री मोदी कल 71,000 नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम(employment fair:) से केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में नई भर्तियों के तहत 71,000 से अधिक नियुक्ति...

modi kuwait:कुवैत में PM मोदी प्रतिष्ठित नाइटहुड ऑर्डर से सम्मानित

प्रधानमंत्री (modi kuwait:)नरेंद्र मोदी को रविवार को कुवैत के सर्वोच्च सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से नवाजा गया। कुवैत के अमीर शेख...

Recent Comments