अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने ओहियो के सीनेटर जे.डी. वेंस को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। इसके साथ ही उनकी पत्नी, भारतीय-अमेरिकी वकील उषा चिलुकुरी वेंस (38) चर्चा में आई हैं। अगर ट्रंप और वेंस की जोड़ी जीतती है, तो उषा वेंस अमेरिका की दूसरी महिला उपराष्ट्रपति बनेंगी और यह भूमिका निभाने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला होंगी।
उषा, जिनका जन्म अमेरिका के सैन डिएगो में हुआ था, आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले के एक छोटे से गांव वडलुरु से ताल्लुक रखती हैं। वह एक होशियार और मेहनती छात्रा रही हैं, जिन्होंने कैम्ब्रिज और येल विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने अमेरिकी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए काम किया और बाद में मुंगर, टोल्स एंड ओल्सन एलएलपी में वकील के तौर पर कार्य किया।
उषा और वेंस की मुलाकात येल लॉ स्कूल में हुई थी, और 2014 में केंटकी में दोनों ने शादी की। वेंस ने अक्सर कहा है कि उनकी पत्नी, उषा, बहुत ही प्रतिभाशाली और निपुण हैं, और वह उन्हें अपने से कहीं अधिक योग्य मानते हैं। वह यह भी मानते हैं कि उषा के योगदान से उनकी अपनी धार्मिक आस्थाएं और विश्वास भी गहरे हुए हैं।
उषा ने कहा कि पारिवारिक जीवन में वे और वेंस कई मुद्दों पर सहमत हैं, खासकर बच्चों की परवरिश को लेकर। दोनों के तीन बच्चे हैं – इवान, विवेक, और मिराबेल।
जब ट्रंप ने वेंस को उपराष्ट्रपति के पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया, तो उषा की हिंदू जड़ें भी चर्चा में आईं। इस बारे में वेंस ने कहा, “मेरी पत्नी ईसाई नहीं हैं, लेकिन उनका विश्वास मेरे लिए बहुत मायने रखता है। वह मुझे अपने धार्मिक आस्थाओं में गहराई देने में मदद करती हैं।”
अब, उषा वेंस का नाम पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। ट्रंप ने फ्लोरिडा में चुनाव परिणामों की घोषणा करते हुए कहा, “मैं सबसे पहले बधाई देने वाला व्यक्ति बनना चाहता हूं, अब मैं उपराष्ट्रपति पद के लिए चुने गए जे.डी. वेंस और उनकी पत्नी उषा वेंस को बधाई देता हूं।”
उषा और वेंस का यह सफर न केवल व्यक्तिगत सफलता की कहानी है, बल्कि अमेरिका में विभिन्न संस्कृतियों और विश्वासों के मिलन का एक आदर्श भी प्रस्तुत करता है।