भारत की केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी सऊदी अरब के दौरे पर पहुंची। इस दौरान स्मृति इरानी ने मुस्लिमों के लिए सबसे पवित्र शहर मदीना का दौरा किया है। हालांकि ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई गैर मुस्लिम भारतीय प्रतिनिधिमंडल मदीना शहर में पहुंचा है। लेकिन जब उनकी इस यात्रा की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आईं तो कुछ मुस्लिम कट्टरपंथियों ने सऊदी अरब पर अपना निशाना साधा।
स्मृति इरानी ने खुद इस यात्रा की तसवीरें अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की हैं। जिसपर कुछ कट्टरपंथियों ने अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की। इस दौरे की आलोचना करने वालों का कहना है कि एक गैर मुस्लिम महिला को मदीना की यात्रा करने की अनुमति सऊदी अरब को नहीं देनी चाहिए थी। इतना ही नहीं इसके लिए कट्टरपंथियों ने सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद को भी जमकर खरी खोटी सुनाई।
अपनी मदीना यात्रा को लेकर स्मृति इरानी ने एक्स पर लिखा कि आज मदीना की ऐतिहासिक यात्रा की, इस्लाम के सबसे पवित्र शहरों में से एक में उहुद के पहाड़, पैगंबर की मस्जिद अल मस्जिद अल नबवी और क्यूबा मस्जिद (इस्लाम की पहली मस्जिद की परिधि) की यात्रा शामिल है। इस पोस्ट को देखकर मुस्लिम कट्टरपंथी आग बबूला हो गए। जिसके बाद सऊदी प्रिंस को उन्होंने कोसना शुरू कर दिया।
स्मृति इरानी के पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए एक यूजर ने लिखा कि मदीना में भारत का एक हिंदू राजनेता क्या कर रहा है? हिंदुत्व विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए बीजेपी राजनेता को जाना जाता है? इस क्षेत्र में मूर्ति की पूजा करने वालों को पैगंबर ने आने से स्पष्ट रूप से मना किया था, ये शहर सिर्फ मुसलमानों के लिए हैं। यहां कोई और नहीं आ सकता।
वहीं सऊदी के प्रिंस को टैग करते हुए एक अन्य यूजर ने लिखा है कि आप हमारे सेंक्च्युरी की परिधि तक मुशरिकेन को क्यों जाने दे रहे हैं? आप जितनी चाहें उतनी प्रगति बाकी हिस्सों में कर सकते हैं, कर लें, लेकिन मदीना मुनव्वरा और मक्का मुकर्रमा के पैगंबर अनुयायियों के लिए सबसे पवित्र स्थान हैं।