भारत ने 2023 में वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थतियों का ‘निर्णायक’ तरीके से सामना किया। भारत ने इन स्थितियों में भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्था का ‘दर्जा’ कायम रखा। बढ़ती मांग, घटती महंगाई, स्थिर ब्याज दर परिदृश्य और मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार की वजह से 2023 में भारतीय अर्थव्यवस्था की चमक बनी रही। जानकारों की माने तो 2024 (Indian Economy 2024) में भी भारत की अर्थव्यवस्था काफी तेजी से बढ़ेगी।
ग्रोथ के मामले में चीन से आगे भारत
दुनिया के विकसित देशों में व्यापक निराशावाद और बिगड़ती भू-राजनीतिक स्थिति के बावजूद मार्च तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही। जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी। सितंबर तिमाही में वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रही। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था की यह रफ्तार दिसंबर तिमाही में भी जारी रहने की उम्मीद है। इस तरह भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था (Indian Economy 2024) बना रहेगा। यानी, भारत इस मामले में चीन से आगे रहेगा।
6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था
आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) के ताजा वृद्धि अनुमान के अनुसार, भारत 2023 में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा, जो चीन और ब्राजील की वृद्धि दर क्रमशः 5.2 प्रतिशत और तीन प्रतिशत से कहीं अधिक है। ओईसीडी का अनुमान है कि 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy 2024) 6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जबकि चीन की वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत रहेगी। हालांकि, भारत के संदर्भ में ओईसीडी के वैश्विक वृद्धि दर के अनुमान को कुछ कम माना जा रहा है।
दूसरी ओर अमेरिका, ब्रिटेन और जापान सहित कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में नए साल में आर्थिक वृद्धि दर में या तो गिरावट आ सकती है, या इनमें मामूली बढ़ोतरी हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के विश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुसार, वैश्विक वृद्धि 2022 में 3.5 प्रतिशत से घटकर 2023 में तीन प्रतिशत और 2024 में 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
क्या कहती हैं एमपीसी की सदस्य आशिमा गोयल?
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सदस्य आशिमा गोयल ने कहा कि भारत की वृद्धि ने ‘कई बाहरी झटकों के बावजूद काफी जुझारू क्षमता दिखाई है।’ उन्होंने कहा कि लोगों को बेहतर कौशल और संपत्ति से ‘लैस’ करने से 2024 और उससे आगे भारत अच्छी वृद्धि (Indian Economy 2024) हासिल कर सकता है।
क्रिसिल के अर्थशास्त्री का क्या है अनुमान?
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि आने वाले वर्ष में भू-राजनीतिक घटनाक्रम फिर से भारत की घरेलू मांग की मजबूती का परीक्षण करेगा। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि आने वाले वित्त वर्ष (Indian Economy 2024) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहेगी, जो चालू वित्त वर्ष से कुछ कम है।