पीली धातु की चमक नए साल यानी 2024 में भी बनी रहेगी। 2024 में सोना (Gold Rate) 70,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये की स्थिरता, भूराजनीतिक अनिश्चितता और धीमी वैश्विक आर्थिक वृद्धि के कारण नए साल में भी सोने का आकर्षण (Gold For Investment) कायम रहेगा। फिलहाल जिंस एक्सचेंज एमसीएक्स में सोना 63,060 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर है।
इंटरनेशनल मार्केट में 2058 यूए डॉलर प्रति औंस भाव
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत की बात करें तो यह 2,058 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस के आसपास है। वहीं, रुपया इस समय 83 प्रति डॉलर के पार पहुंच चुका है। दिसंबर की शुरुआत में वैश्विक तनाव की वजह से पश्चिम एशिया में सोने (Gold For Investment) के दाम एक बार फिर चढ़ गए हैं। उभरते बाजार के कारोबारियों का अनुमान है कि ब्याज दर में बढ़ोतरी का चक्र कमोबेश समाप्त हो चुका है।
2023 में सोने के भाव में काफी उतार-चढ़ाव दिखे
साल 2023 में सोने की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव (Gold For Investment) रहा। घरेलू बाजार में चार मई 2023 को पीली धातु का भाव 61,845 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक नए उच्चस्तर पर पहुंच गया। वैश्विक बाजारों में यह 2,083 डॉलर प्रति औंस की नई ऊंचाई पर पहुंच गया। बाद में 16 नवंबर को सोना 61,914 रुपये प्रति 10 ग्राम की रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया।
अभी भी सुरक्षित निवेश है सोना
बता दें कि निवेश के सुरक्षित विकल्प (Gold For Investment) के रूप में सोने का आकर्षण अभी भी बरकरार है। यही वजह है कि चार दिसंबर, 2023 को सोने का भाव 64,063 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया। वैश्विक बाजार में यह 2,140 डॉलर प्रति औंस के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
जानकारों को उम्मीद है कि 2024 में अंतत: यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2,400 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच जाएगा। वहीं, घरेलू बाजार में सोना 70,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर जा सकता है। चुनावी साल में रुपया कमजोर हो सकता है। इससे घरेलू स्तर पर सोने के दाम बढ़ेंगे।
जानकारों ने कहा, जारी रहेगा आकर्षण
कोटक सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष – प्रमुख जिंस शोध रविंद्र राव ने कहा कि खुदरा आभूषण खरीदारी को भारत और चीन में उच्च घरेलू कीमतों से प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि मौजूदा रफ्तार जारी रहती है, तो केंद्रीय बैंकों की मांग पिछले साल के रिकॉर्ड से अधिक हो सकती है। राव ने कहा कि सोने का दाम भले ही कुछ समय तक ऊंचा बना रहे, लेकिन मौजूदा भू-राजनीतिक माहौल, धीमी वैश्विक वृद्धि और आर्थिक अनिश्चितता की वजह से पीली धातु का आकर्षण बना रहेगा।