Rang Panchami : हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को हर वर्ष रंग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन होली का समापन होता है। इसे रंग पंचमी को श्रीपंचमी और देव पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। जैसे कार्तिक पूर्णिमा को देवताओं की दिवाली होती है वैसे ही रंग पंचमी का त्यौहार देवी देवताओं की होली के रूप में मनाया जाता है। इस साल रंग पंचमी 30 मार्च को मनाई जाएगी। आइए जानते हैं रंग पंचमी के शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में…
रंग पंचमी शुभ मुहूर्त
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, रंग पंचमी चैत्र माह के कृष्ण पक्ष के पांचवें दिन मनाई जाती है। इस वर्ष चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 29 मार्च को रात 8 बजकर 20 मिनट पर शुरू हो रही है तथा इसकी समाप्ति 30 मार्च को रात 9 बजकर 13 मिनट पर होगी। इस वजह से रंग पंचमी का त्योहार 30 मार्च को ही मनाया जाएगा। इसके साथ ही रंग पंचमी पर देवी-देवताओं के साथ होली खेलने का शुभ समय 30 मार्च को सुबह 7 बजकर 46 मिनट से 9 बजकर 19 मिनट तक रहेगा।
यह भी पढ़ें : Shani Dosh Upay : शनि दोष से बचने के लिए करें ये उपाय, सदैव बनी रहेगी शनिदेव की कृपा
रंग पंचमी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रंग पंचमी का त्योहार सभी देवी-देवताओं का माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन वातावरण में उड़ने वाला गुलाल सात्विक गुण को बढ़ाता है। इस दिन जो भी व्यक्ति रंगों का प्रयोग करता है उसके अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है। साथ ही सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी मिलता है। इसलिए रंग पंचमी के दिन हवा में अबीर गुलाल उड़ाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
रंग पंचमी की पौराणिक कथा
रंगपंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राधारानी के साथ होली खेली थी। इसी कारण से इस दिन राधा-कृष्ण की विधि-विधान से पूजा करने के बाद उन पर गुलाल आदि चढ़ाकर होली खेली जाती है। एक अन्य कथा के अनुसार जब महादेव ने कामदेव को जलाकर भस्म कर दिया तो संसार में सभी लोग दुखी हो गए। लेकिन देवी रति और देवताओं की प्रार्थना पर महादेव ने कामदेव को पुनर्जीवित करने का आश्वासन दिया तब सभी देवी-देवता प्रसन्न हो गए और रंगोत्सव मनाने लगे। तभी से पंचमी तिथि को रंगपंचमी का त्योहार मनाया जाने लगा।
लेटेस्ट खबरों के लिए जुड़े रहें : https://deshrojana.com/