देव्यांश की आंखों में बचपन से ही एक सपना पल रहा था। वो फैशन डिजाइनर बनना चाहते थे। लेकिन सही मार्गदर्शन ना मिलने के कारण देव्यांश का यह सपना पूरा नहीं हो पाया। देव्यांश जेईई की तैयारी करने लगे। लेकिन कहते हैं ना सपने वो नहीं जो आप सोते वक्त देखते हैं, सपने वो होते हैं जो आपको सोने नहीं देते। और कुछ ऐसा ही हुआ देव्यांश के साथ। इंडियास्किल्स (India Skills) ने दिव्यांश की आंखों में बचपन से पल रहे सपने को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई है।
India Skills के सहारे सपना पूरा करने में जुटे देव्यांश
India Skills: देव्यांश जेलवाल, मध्य प्रदेश के उज्जैन जिला के एक छोटे से शहर नागदा के रहने वाले हैं। देव्यांश ने नागदा के आदित्य बिड़ला पब्लिक स्कूल से प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त की है। देव्यांश एक मध्यम वर्गीय परिवार से हैं और उनके पिता जी प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते हैं। देव्यांश बचपन से ही एक फैशन डिजाइनर बनना चाहते थे। लेकिन सही मार्गदर्शन नहीं मिलने के कारण देव्यांश ने जेईई की तैयारी शुरू कर दी। कुछ समय तक तैयारी करने के बाद देव्यांश ने इंजीनियरिंग कॉलेजों के फॉर्म भरना बन्द कर दिया। इसके बाद देव्यांश ने बचपन में डिजाइनर बनने का जो सपना देखा था, उसे पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ चले।
एफडीडीआई कौशल निखारने में मदद कर रहा
देव्यांश की किस्मत ने करवट तब बदली जब एक दिन उसके दोस्त ने एफडीडीआई इंस्टीट्यूट के बारे में उसे बताया। यहाँ देव्यांश ने डिजाइनर के रूप में कौशल प्रशिक्षण लिया। यह इंस्टीट्यूट न केवल देव्यांश को प्रशिक्षण दे रहा था बल्कि उसके कौशल को निखारने में उसकी मदद भी कर रहा था। यह देव्यांश के जीवन का सबसे बड़ा मोड़ था।
अपने जीवन में देव्यांश ने बहुत संघर्ष किए और कठिन से कठिन परिस्थितियाँ भी देखी। लेकिन एक बात है जो देव्यांश को हमेशा आगे बढ़ाती रही, वो है उनके नेक इरादे और दृढ़-संकल्प। अपनी मेहनत और लगन से देव्यांश ने एफडीडीआई में अपने कौशल और हुनर का भरपूर प्रदर्शन किया। अपने कौशल से देव्यांश ने बड़े-बड़े चित्र और स्कैच बनाए जो लोगों को बहुत आर्कषक लगे। इस मुकाम तक पहुंचते–पहुंचते देव्यांश को अनके संघर्षों और कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ा लेकिन देव्यांश ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
आज इसी का परिणाम है कि कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के अन्तर्गत एनएसडीसी द्वारा आयोजित इंडियास्किल्स (India Skills) प्रतियोगिता में देव्यांश अपने कौशल का प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। एनएसडीसी 15 से 19 मई तक नई दिल्ली के यशोभूमि कन्वेंशन सेन्टर में इंडियास्किल्स प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है।
देव्यांश अपने कौशल को निखारने के लिए निरन्तर ऑनलाइन और फिजिकल रूप से वर्कशॉप में भाग लेते हैं। देव्यांश के गुरू और फैकल्टी सदस्यों ने निरन्तर मार्गदर्शन देकर उसे अपना भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए प्रेरित किया है। अपने गुरू और फैकल्टी सदस्यों से मिले प्रशिक्षण और सहयोग से देव्यांश ने इंडियास्किल्स प्रतियोगिता में पहुंचकर आज अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
क्या कहते हैं देव्यांश
देव्यांश कहते हैं कि “इंडियास्किल्स (India Skills) एक बहुत बड़ा मंच है। यह मंच देश के युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर अपने कौशल का प्रदर्शन करने का एक अनोखा अवसर देता है। यह मंच युवाओं को नया कौशल सीखने और आगे बढ़ने का एक नया रास्ता दिखाता है। इंडियास्किल्स प्रतियोगिता ने मुझे उद्योग विशेषज्ञों के साथ सीखने का अवसर दिया है। मुझे विश्वास है कि इंडियास्किल्स प्रतियोगिता का विजेता बनकर मैं फ्रांस के ल्योन में होने वाली विश्व कौशल प्रतियोगिता में भारत का मान बढ़ाऊंगा”।
देव्यांश यह भी कहते हैं कि “मैं एडिडास, प्यूमा, नाइकी में फ्रीलांस डिजाइनर के रूप में काम कर रहे श्री विदित सिंह छिक्कारा से बहुत प्रेरित हूँ। श्री छिक्कारा एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने अनेक बड़े ब्रांडों के साथ काम किया है। मेरा सपना है कि मैं भविष्य में ऐसे डिजाइन बनाऊं जिससे भारत का विश्व स्तर पर नाम रोशन हो सके”।
इंडियास्किल्स प्रतियोगिता के द्वारा देव्यांश के जीवन स्तर में बहुत बड़ा बदलाव आया है। हालांकि यह सफर देव्यांश के लिए आसान नहीं रहा लेकिन अपने सपनों को साकार करने के लिए देव्यांश ने बहुत मेहनत की है। जैसा कि देव्यांश का मानना भी है कि हर आदमी को अपने सपनों की मंजिल एक न एक दिन ज़रूर मिलती है। आज देव्यांश अपने सभी सपने पूरे करते हुए एक उज्ज्वल भविष्य की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
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