इसमें कोई दो राय नहीं है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कुशल राजनीतिज्ञ हैं। वह माहौल को अपने पक्ष में कैसे बदला जाए, इसकी कला में पारंगत हैं। 21 मार्च को जब केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था, तो उन्होंने गिरफ्तार होते और जेल जाते समय विक्ट्री का चिन्ह नहीं दिखाया था। उनकी बॉडी लैंग्वेज से यही दिखा कि वह पीड़ित हैं। केंद्र सरकार उनके साथ गलत कर रही है। अपनी बॉडी लैंग्वेज से उन्होंने तब अपने प्रति सहानुभूति पैदा करने में सफलता हासिल कर ली। इसके बाद उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी और इंडिया गठबंधन की रैलियों, सभाओं और रोड शो में पीड़ित की पत्नी की भूमिका बड़ी अच्छी तरह निभाई।
दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की रैली में सबसे ज्यादा पोस्टर अरविंद केजरीवाल के ही नजर आए। झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के साथ सुनीता केजरीवाल की जुगलबंदी ने भी यही संदेश दिया कि केजरीवाल को भाजपा सरकार अकारण परेशान कर रही है। सुप्रीमकोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आते ही उन्होंने यह कहकर राजनीतिक बम फोड़ दिया कि अगले साल तक पीएम नरेंद्र मोदी 75 साल के हो जाएंगे, उनका उत्तराधिकारी कौन होगा? यही नहीं, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को महीने दो महीने में हटाने की बात कहकर नया शगूफा चुनावी राजनीति में छोड़ दिया। उनकी इस बात का भाजपा जवाब देती फिर रही है। बार-बार कहा जा रहा है कि पीएम मोदी अगले पांच साल तक पीएम रहेंगे। इसके बाद भी वे भाजपा का मार्गदर्शन करते रहेंगे। उनकी बात का क्या इंपैक्ट होगा, इस बात से केजरीवाल अच्छी तरह वाकिफ थे। लेकिन उनके सारे किए धरे पर सीएम आवास में स्वाति मालीवाल से हुई मारपीट की घटना ने पानी फेर दिया।
स्वाति वाली घटना की सच्चाई क्या है? इस संबंध में अभी कुछ कहना थोड़ी जल्दबाजी होगी। सोशल मीडिया में दो तरह के वीडियो वायरल हो रहे हैं और दोनों पक्ष अपने को पाक-साफ बता रहा है। इस मामले में सीएम केजरीवाल के पीए विभव कुमार को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। इस मामले में ज्यादा हल्ला-गुल्ला मचता, इससे पहले सीएम केजरीवाल ने घोषणा कर दी कि मैं अपनी पार्टी के सभी नेताओं और विधायकों को लेकर रविवार दोपहर 12 बजे बीजेपी मुख्यालय पहुंच रहा हूं, आपको जिसे-जिसे जेल में डालना है डाल दीजिए।
यह केजरीवाल की नई चाल चल दी है। केजरीवाल का आरोप है कि केंद्र सरकार आप को खत्म करना चाहती है, इसलिए उनके नेताओं को चुन-चुनकर गिरफ्तार करके जेल में डाल रही है। रविवार को दिल्ली की सियासत में यह दांव-पेच लोगों के बीच एक नया संदेश लेकर जाएगा। 20 मई को आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 49 सीटों पर मतदान होना है। केजरीवाल ने बहुत दूर की सोचकर यह चुनौती दी है। अब गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दी है। इस हल्ले-गुल्ले में मालीवाल वाले मामले की चमक जरूर फीकी पड़ जाएगी।
-संजय मग्गू
लेटेस्ट खबरों के लिए क्लिक करें : https://deshrojana.com/