कांग्रेस नेता राहुल गांधी(Rahul–America:) ने टेक्सास में भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए भारतीय राजनीति में प्रेम, सम्मान, और विनम्रता की कमी पर जोर दिया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की आलोचना की कि वे भारत को “एक विचार” मानते हैं। लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने के बाद भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ अपने पहले संवाद के दौरान डलास में रविवार को राहुल गांधी ने यह टिप्पणियां कीं।
Rahul–America: भारत विचारों की विविधता वाला देश
राहुल गांधी ने कहा, “आरएसएस मानता है कि भारत एक विचार है। हम मानते हैं कि भारत विचारों की विविधता वाला देश है।” उन्होंने यह भी कहा, “अमेरिका की तरह, हम भी मानते हैं कि हर किसी को भागीदारी की अनुमति दी जानी चाहिए। हर किसी को सपने देखने का हक होना चाहिए और जाति, भाषा, धर्म, परंपरा, इतिहास की परवाह किए बगैर हर किसी को अवसर मिलना चाहिए।” उन्होंने भारतीय संविधान की रक्षा पर जोर देते हुए कहा, “मैं आपसे कह रहा हूं कि (भारत) एक राज्यों का संघ है, जहां भाषाओं, धर्मों, परंपराओं, और जातियों का सम्मान है। यह सब संविधान में है।”
Rahul–America:सभी से प्रेम जरूरी
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी भूमिका भारतीय राजनीति में प्रेम, सम्मान, और विनम्रता के मूल्यों को स्थापित करने की है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हमारी राजनीतिक प्रणालियों और दलों में जिस चीज का अभाव है, वह प्रेम, सम्मान, और विनम्रता है। सभी मनुष्यों से प्रेम, जरूरी नहीं कि केवल एक धर्म, एक समुदाय, एक जाति, एक राज्य या एक भाषा बोलने वाले लोगों से ही प्रेम हो।”
लोकसभा चुनाव का किया जिक्र
उन्होंने लोकसभा चुनाव परिणामों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बहुमत हासिल करने में नाकाम रहने के परोक्ष संदर्भ में कहा, “लोग कह रहे थे कि भाजपा हमारी परंपरा, भाषा आदि पर हमला कर रही है। उन्हें समझ आ गया कि जो भी भारत के संविधान पर हमला कर रहा है, वह हमारी धार्मिक परंपरा पर भी हमला कर रहा है।” राहुल गांधी ने कहा, “हमने देखा कि चुनाव नतीजे आने के कुछ मिनटों के भीतर भारत में कोई भी भाजपा, प्रधानमंत्री से डर नहीं रहा था। ये बड़ी उपलब्धियां हैं। ये भारत के लोगों की बड़ी उपलब्धियां हैं जिन्होंने लोकतंत्र को महसूस किया और स्वीकार किया कि हम अपने संविधान पर हमले को स्वीकार नहीं करेंगे।”
अमेरिका को भारत की जरूरत
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अमेरिका को भारत की जरूरत है और भारत को अमेरिका की जरूरत है। भारतीय प्रवासी समुदाय को उन्होंने दोनों देशों के बीच एक “सेतु” बताया। उन्होंने कहा, “आपकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि इन दोनों संघों के बीच के रिश्ते दोनों के भविष्य का निर्धारण करने वाले हैं।” राहुल गांधी ने भारतीय-अमेरिकी समुदाय से आग्रह किया कि वे भारत का विचार अमेरिका में लाएं और अमेरिका के विचार भारत में लाएं, जिससे दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध बन सकें।