कांग्रेस (Congress Gujarat :)ने मंगलवार को गुजरात के सूरत में हीरा उद्योग से जुड़े श्रमिकों की कथित आत्महत्याओं का मुद्दा उठाया और सरकार से आग्रह किया कि वह इन श्रमिकों के लिए पंजीकरण और वित्तीय सहायता सहित सभी आवश्यक कदम उठाए। पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि पिछले 18 महीनों में सूरत में 71 हीरा श्रमिकों ने आत्महत्या की है।
रमेश (Congress Gujarat :)ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “सूरत, जो हीरा व्यापार का एक प्रमुख केंद्र है, में कम से कम 71 श्रमिकों ने आत्महत्या की है। अनुमान के मुताबिक, गुजरात के हीरा उद्योग में करीब 25 लाख श्रमिक हैं, जिनमें से 8-10 लाख सिर्फ सूरत में काम करते हैं।”
उन्होंने बताया कि प्रयोगशाला(Congress Gujarat 🙂 में निर्मित हीरों की बढ़ती संख्या ने वैश्विक हीरा उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव डाला है, जिसके कारण सूरत में बड़े पैमाने पर छंटनी (फरवरी से जून 2024 के बीच 15,000 कर्मचारियों की) और वेतन में कटौती हो रही है।
रमेश ने कहा कि इसके चलते श्रमिकों में वित्तीय और मानसिक संकट की स्थिति पैदा हो गई है। कांग्रेस ने कहा कि “ये हीरा श्रमिक स्थायी और पंजीकृत नहीं हैं, इसलिए सरकार के पास उनके कल्याण के लिए कोई डेटा या विशेष योजनाएं नहीं हैं। हमें इनके लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। इन श्रमिकों की पहचान कर उन्हें पंजीकृत करना चाहिए, वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए, और इस उद्योग और इसके श्रमिकों को बाजार की अनिश्चितताओं से बचाना चाहिए।”