दिल्ली विधानसभा के पांच साल(bus marshal:) के कार्यकाल के अंतिम सत्र के पहले दिन शुक्रवार को बस मार्शलों को हटाने के मुद्दे पर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों के बीच तीखी बहस हुई। मुख्यमंत्री आतिशी ने बताया कि मार्शलों को बहाल करने का प्रस्ताव उपराज्यपाल के पास लंबित है।
आतिशी (bus marshal:)ने इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान कहा कि अगर उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना 10,000 बस मार्शलों की बहाली के प्रस्ताव को मंजूरी देते हैं, तो AAP रोहिणी विधानसभा सीट से विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी। हल्के-फुल्के अंदाज में उन्होंने यह भी कहा कि अगर गुप्ता इस प्रस्ताव को उपराज्यपाल से मंजूर करा देते हैं, तो वह चुनाव में उनके लिए प्रचार करेंगी।
मुख्यमंत्री आतिशी ने अरविंद केजरीवाल का बचाव किया, जिन पर BJP ने नवंबर 2023 से बस मार्शलों को हटाने का निर्देश देने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि 20 अक्टूबर 2023 को लिखे अपने पत्र में केजरीवाल ने स्पष्ट किया था कि बस मार्शलों को नहीं हटाया जाना चाहिए और उनके वेतन का भुगतान रोकने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
AAP(bus marshal:) विधायकों ने BJP पर आरोप लगाया कि उन्होंने उपराज्यपाल के जरिए बस मार्शलों को हटवाया, जिससे उनके परिवारों के लिए आजीविका की समस्या पैदा हो गई। BJP विधायकों ने पलटवार करते हुए कहा कि बस मार्शलों को तत्कालीन मुख्यमंत्री केजरीवाल के निर्देश पर हटाया गया था और अब AAP उनकी बहाली को लेकर राजनीति कर रही है।
BJP विधायक अभय वर्मा ने सत्तारूढ़ पार्टी से सवाल किया कि अगर वह बस मार्शलों को उनकी नौकरी वापस नहीं दे सकती तो वह सत्ता में क्यों है। विजेंद्र गुप्ता ने आतिशी से जवाब मांगते हुए कहा कि AAP सरकार ने बस मार्शलों को तैनात किया और फिर उन्हें हटा दिया। उन्होंने दावा किया कि बस मार्शलों को नियमित करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा सुझाई गई समिति अभी तक गठित नहीं की गई है।
शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गुप्ता पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने बस मार्शलों की बहाली के लिए मुख्यमंत्री के साथ उपराज्यपाल से मिलने से बचने की कोशिश की।